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दस वर्ष पूर्व बनी पानी की टंकी नहीं बुझा पा रही लोगों की प्यास

प्रतापगढ़, 30 अप्रैल (हि.स.)। जनपद के कटका मानापुर में बनी पानी की टंकी ग्रामीणों का प्यास नहीं बुझा पा रही है। दस साल पहले बनाई गई यह टंकी में पानी के संकट से जूझ रही है। इस टंकी को भरने के लिए किया गया एक बोर खराब होने के बाद रिबोर कराया गया था। इसके बाद भी पानी नहीं मिल सका। रिबोर करने आए कर्मचारी नलकूप की मोटर ही उठा ले गए। छह माह से उनका कोई पता नहीं चला है।

कटका मानापुर में दस साल पहले 1.36 करोड़ की लागत से समूह पेयजल योजना बनाई गई थी। उस समय ग्रामीणों को लगा था कि शुद्ध जल अब आसानी से घरों में मिलेगा पर यह आशा पूरी नहीं हो सकी। पेयजल योजना में बनाए गए नलकूप की बोरिंग खराब हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने दूसरा बोर कराने के लिए कई बार फरियाद की। दबाव बढ़ने पर टंकी को बोर करने वाली संस्था के खिलाफ जांच बैठा दी गई। जांच में इलाहाबाद की जल निगम की निर्माण इकाई को दोषी मानते हुए काली सूची में डाल दिया गया।

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छह माह पूर्व नलकूप का रिबोर कराया गया। कार्यदायी संस्था बोर करने के बाद उसे ढंक दी और पुरानी मोटर लेकर गायब हो गई। छह महीने से विभाग का कोई अधिकारी व कर्मचारी वापस नहीं लौटा। बोर के बाद भी लोगों की प्यास नहीं बुझ सकी। बताया जाता है कि इस टंकी पर कटका मानापुर के साथ आधा दर्जन पुरवे के करीब पांच हजार आबादी के लोगों की प्यास बुझाने की जिम्मेदारी है लेकिन दस साल में एक बार भी टंकी से लोगों को पानी की सप्लाई नहीं दी जा सकी।

गर्मी शुरू होते ही क्षेत्र में पेयजल का संकट गहराता जा रहा है। ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। गांव में पेयजल की टंकी भी बनी हुई है, लेकिन लोगों की हलक सूख रही है। ग्राम प्रधान अभय सिंह ने कई बार जिला अधिकारी के साथ जल निगम के अधिकारियों को इस संबंध में पत्र देकर लोगों की समस्या से अवगत भी कराया है लेकिन विभागीय लापरवाही से इस समस्या का निदान नहीं हो सका है।

इस बारे में जल निगम के सहायक अभियंता अनुराग यादव का कहना है कि रिबोर का जिम्मा मैकेनिकल विभाग का होता है। रिबोर के बाद विभाग को पत्र भेजा गया है। जल्द ही टंकी से ग्रामीणों को पेयजल की सुविधा बहाल कर दी जाएगी।

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