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नगर निकाय चुनाव में नया मोड़, राजद के उपाध्यक्ष प्रत्याशी मो. हबीब पर निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का लगा गंभीर आरोप

रांची, सुप्रिया सिंह

गलत हलफनामा प्रस्तुत करने का आरोप लगाते हुए आजसू प्रत्याशी ने नामांकन रद्द करने को लेकर आयोग से की शिकायत

शिकायतकर्ता के अनुसार पूर्व से पांच बच्चों के पिता हबीब की पत्नी ने 2017 में हजारीबाग के एक निजी अस्पताल में दिया है छठे बच्चे को जन्म

बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र के साथ आयोग में दर्ज कराई गई लिखित शिकायत

निर्वाची पदाधिकारी ने कहा आरोप सिद्ध होने पर नामांकन रद्द करते हुए आरोपी प्रत्याशी के विरुद्ध धोखाधड़ी की दर्ज कराई जाएगी प्राथमिकी

चतरा : राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चतरा में कराए जा रहे नगर निकाय चुनाव में नया मोड़ आ गया है। चुनाव में भाग्य आजमा रहे राजद के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी मोहम्मद हबीब पर राज्य निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का गंभीर आरोप लगा है। आरोप आजसू प्रत्याशी मोहम्मद वहाजूल हक उर्फ सेराज ने लगाया है।

राज्य निर्वाचन आयोग में दर्ज कराई गई लिखित शिकायत के अनुसार राजद प्रत्याशी द्वारा नामांकन के दौरान गलत हलफनामा प्रस्तुत कर आयोग को गुमराह करने का प्रयास किया गया है ताकि निर्वाचन आयोग की सुचिता प्रभावित हो जाय। आजसू प्रत्याशी ने आरोप लगाया है कि राजद प्रत्याशी मोहम्मद हबीब के पूर्व से पांच बच्चे हैं जबकि उसकी पत्नी रौशन आरा ने एक सितंबर 2017 को शाम 07:24 बजे हजारीबाग के शिवपुरी ईलाके में संचालित वंदना नर्सिंग होम मैटरनिटी एवं रिसर्च सेंटर नामक निजी अस्पताल में छट्ठे बच्चे को जन्म दिया है। ऐसे में निर्वाचन आयोग के नए नियमों के अनुसार  मोहम्मद हबीब चुनाव नहीं लड़ सकते।

शिकायतकर्ता आजसू प्रत्याशी ने बताया कि नगर परिषद चुनाव को लेकर जारी किए गए राज्य निर्वाचन आयोग के नए नियमों के मुताबिक वर्ष 2013 के बाद जिनके दो से अधिक बच्चे हैं वह चुनाव नहीं लड़ सकते। लेकिन राजद प्रत्याशी ने नामांकन के दौरान दायर शपथ पत्र में वर्ष 2017 में जन्म लेने वाले अपने बच्चे का जिक्र ना कर नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। राजद प्रत्याशी द्वारा दाखिल किया गया शपथ पत्र ना सिर्फ गलत है बल्कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों की खुलेआम अवहेलना भी है। उन्होंने बताया कि अस्पताल द्वारा निर्गत बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र व बच्चे की तस्वीर के साथ मामले की लिखित शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दिया गया है। इसके अलावे मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पर्यवेक्षक, जिला निर्वाचन अधिकारी व उपाध्यक्ष पद के निर्वाचि पदाधिकारी के पास भी लिखित शिकायत की गई है।

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