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निपाह का शिकार हुई नर्स के बच्चों को दो व्यवसायियों ने की मदद की पेशकश

तिरुअनंतपुरम (ईएमएस)। संयुक्त अरब अमीरात के दो व्यवसायियों ने केरल की नर्स लिनी पुथुस्सेरी के दोनों बच्चों को मदद देने की पेशकश की है। संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान लिनी भी घातक निपाह वायरस की चपेट में आ गई थीं। इस वजह से उनकी मौत हो गई। अबु धाबी के उद्यमियों ने लिनी के बलिदान की सराहना की।

एविटिस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस-पलक्कड़ (केरल) के कार्यकारी निदेशकों सांथी प्रमोत और जयति पल्लट ने कहा कि उन्होंने लिनी के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने का वादा किया है। लिनी ने 21 मई को अपनी मौत से पूर्व अपने पति को एक भावुक पत्र लिखा था। इस बीच केरल सरकार ने लिनी के पति को नौकरी और उनके दोनों बच्चों को 10-10 लाख रूपए देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। लिनी के पति सजीश को उनकी योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी की पेशकश की जाएगी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से उनके दो और पांच वर्ष के बच्चों को दस-दस लाख रूपए दिए जाएंगे। लिनी के बच्चों के लिए जो राशि मंजूर की गई है, उसमें से पांच-पांच लाख रूपए उनके बैंक खातों में जमा किए जाएंगे और बाकी के पांच-पांच लाख रूपए इस तरह से जमा किए जाएंगे कि अभिभावक उससे प्राप्त होने वाले ब्याज का इस्तेमाल बच्चों की जरूरत के लिए कर सकेंगे। सरकार ने निपाह वायरस संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले अन्य नौ लोगों के परिजनों को भी पांच-पांच लाख रूपए देने का फैसला किया है। पेराम्ब्रा तालुका अस्पताल में काम करने वाली नर्स लिनी को यह संक्रमण शुरुआत के दिनों में अस्पताल में उपचार करवाने आए मरीजों से हो गया था। केरल के दो जिलों कोझिकोड और मलप्पुरम में निपाह वायरस के कारण 10 लोगों की मौत हो चुकी है। बहरीन में काम करने वाले सजीश लिनी की बीमारी के बारे में सुनने के बाद उनकी मौत के दो दिन पहले पेराम्ब्रा आ गए थे।

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