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बीजद के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में बैजयंत पंडा

भुवनेश्वर, 23 जनवरी (हि.स.)। केन्द्रापड़ा से बीजद सांसद बैजयंत पंडा और बीजू जनता दल के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी और पंडा के बीच का विवाद दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। माना जा रहा है कि ओडिशा में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद से ही राज्‍य की सत्‍ताधारी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) में अनबन का माहौल है। इस बीच सांसद पंडा ने अपने लेख में बीजद सरकार की आलोचना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर पार्टी को चिढ़ाने का किया है। ऐसे में बीजद मुखिया ने भी पंडा को जवाब देने की तैयारी कर ली है। पार्टी के मुखिया ने पार्टी को उनके खिलाफ लगा दिया है। हालांकि बैजयंत पंडा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर सीधा हमला करने के बजाय उनके कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी पर लगातार निशाना साध रहे हैं। 

ताजा विवाद बैजयंत पंडा के चुनाव क्षेत्र में सांसद निधि से निर्मित एक विकास कार्य के उद्घाटन को लेकर सामने आया था। स्थानीय बीजद विधायक तथा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रताप जेना के समर्थकों को इसमें नहीं बुलाये जाने के कारण उन्होंने इसका विरोध किया था। मगर पंडा ने पुलिस की सहायता से इस विकास कार्य का उद्घाटन किया। इसी कार्यक्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त अधिकारी सर्विस कोड का उल्लंघन कर बीजद की राजनीति को नियंत्रित करने में लगा है।

इसी घटना के बाद पंडा के चुनाव क्षेत्र के बीजद के जिला व प्रखंड स्तर के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लगातार पांच दिनों तक मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सम्पर्क में रहा। यह नेता बैजयंत के खिलाफ सीएम से शिकायत करने में लगे रहे। इन नेताओं का कहना था कि सांसद बैजयंत अपने कार्यक्रमों की सूचना पार्टी के लोगों को नहीं देते। साथ ही कहा गया कि पंडा पार्टी के साथ असहयोग कर रहे हैं। इन आरोपों के प्रतिक्रियास्वरूप बैजंयत पंडा ने भी उनके खिलाफ मुख्यमंत्री से शिकायत करने वाले बीजद के जिला व प्रखंड स्तरीय नेताओं संग कार्यक्रमों में लिए उनके फोटो को सोशल मीडिया पर जारी कर दिया और कहा कि जो आरोप लगाया जा रहा है वह झूठा है। पंडा ने एक बार फिर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्ही के शह पर कुछ नेता उनके शिकायत करने लगे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से इन नेताओं को धमकी दी जा रही है कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें पार्टी का पद व टिकट नहीं दिया जाएगा।

इस प्रकार के मामले में सामान्यत: चुप रहने वाले मुख्यमंत्री नवीन पटनाटक ने भी बार-बार मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम सामने आने पर पहली बार उनके कार्यालय के अधिकारी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि जब भी उनके खिलाफ कोई मुद्दा नहीं रहता है तो उनके कार्यालय पर निशाना साधा जाता है। मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारी के बचाव के बाद अब पूरे मामले को मुख्यमंत्री और पंडा के बीच अलगाव से जोड़कर देखा जाने लगा है।
बीजद के उच्च स्तरीय सूत्र भी बताते हैं कि पार्टी ने अब मान लिया है कि बैजयंत बीजद छोड़ देंगे। अब उनके पार्टी में बने रहने के कोई आसार नहीं हैं। इसलिए बैजयंत भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। यही कारण है कि उन्हें राजनैतिक तौर पर परेशान किया जा रहा है और आगामी दिनों में और परेशान किया जाएगा। 
बीजद मुखिया ने भी उनसे मिल रहे शिकायतों की जांच करने के लिए मंत्री उषा देवी एवं बीजद की महिला मोर्चा के अध्यक्ष प्रमिला मलिक को जिम्मेदारी दी है। इस मामले में मलिक ने अपनी रिपोर्ट दे दी है, जबकि उषा देवी को अपनी जांच रिपोर्ट अभी देनी है। इधर पंडा ने ट्वीट कर अंदेशा जता दिया है कि उन्हें पार्टी के बाहर करने के लिए गहरी साजिश रची जा रही है। 

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