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मानव संसाधन विकास के प्रमुख प्रणेता हैं भगवान बुद्ध: महेश शर्मा

नई दिल्ली,10 मई(हि.स.)। बुद्ध पूर्णिमा दिवस भगवान बुद्ध की बुद्धत्व की प्राप्ति हेतु मनाया जाता है। इसी क्रम में दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय ने बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और कार्यक्रम के आयोजक केद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा मौजूद थे।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए महेश शर्मा ने कहा कि हम सभी महात्मा बुद्ध को नमन करते हैं। साथ में उस भारत की माटी को नमन करते हैं जिसने बुद्ध को जन्म दिया। सोचिये कि वो कैसा देश है जहां कि मिट्टी में इतनी ताकत है कि उसने राजकुमार सिद्धार्थ को महात्मा बुद्ध बना दिया। उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थस्थल कपिलवस्तु, श्रावस्ती और बोध गया को लेकर आठ पुण्य स्थलों में से सात भारत में है। ये हम सबके लिए गर्व की बात है। शर्मा ने कहा कि मानव संसाधन के विकास में जितना काम खुद भगवान बुद्ध ने किया उतना किसी ने नही किया । इस अवसर पर हम और दृढ़ता से सपथ लेते हैं कि हम बुद्ध के कार्यों को आगे बढ़ायेगें। दुनिया शांति, उन्नति और मानव मूल्यों की प्रेरणा, बिना बुद्ध के उपदेश को आत्मसात किए नहीं समझ सकती।

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बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला धर्म और दर्शन है। इसके प्रस्थापक महात्मा बुद्ध शाक्यमुनि थे। वे 563 ईसा पूर्व से 483 ईसा पूर्व तक रहे। ईसाई और इस्लाम धर्म से पहले बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई थी। दोनों धर्म के बाद यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत जैसे कई देशों में रहते हैं।

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