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मुंबई के डॉक्टरों ने यूपी के अधिकारियों को बताया कोरोना से निपटने का तरीका, ऑनलाईन चर्चा में दिए सुझाव

मुंबई. महाराष्ट्र की तुलना में कोरोना का प्रकोप देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भले ही कम है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना की परिस्थिति बहुत ही भयानक होती जा रही है. जिसको देखते हुए मुंबई के डॉक्टरों ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को ऑनलाईन चर्चा के दौरान इस महामारी से निपटने की सीख दी है.ऑनलाईन बैठक में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के जिलाधिकारी भी मौजूद थे.

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बढते कोरोना के संकट ने राज्य सरकार के लिए चिंता बढा दी है. दिन रात काम कर रहे अधिकारियो और डाक्टरों की मेहनत के बाद भी वहां कोरोना के मामलों में उल्लेखनीय कमी नहीं आ रही है. इस बीच तीसरी लहर की आशंका ने राज्य में एक बार फिर लोगों के चेहरे पर तनाव बढा दिया है. मुंबई की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय संस्था समाज विकास मंच की पहल पर मुंबई के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उत्तर प्रदेश के भदोही, मिर्जापुर और सोनभद्र के जिलाधिकारियों के साथ ऑनलाईन संवाद किया.

संस्था के अध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दिन रात काम कर रहे मिर्जापुर के विभागीय आयुक्त योगेश्वर राम मिश्र को विशेषज्ञ डाक्टरों की सलाह उपलब्ध कराने की पेशकश संस्था की तरफ से की गयी थी. इसके तहत विभागीय आयुक्त योगेश्वर राम मिश्र की अगुआई में तीनों जिलों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और मख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ मेडिस्केप इंडिया की अध्यक्ष और वी डाक्टर्स कैंपेन की हेड डॉ. सुनिता दुबे की ऑनलाऊन चर्चा हुई.

इस दौरान भदोही की जिलाधिकारी अर्यका अखौरी ने आक्सीजन और मेडिकल को लेकर एक्सपर्ट से राय जाना. जिस पर डॉ. सुनीता ने कहा कि वे हर संभव सहयोग के लिए तैयार हैं और अगर जरूरत पड़ी तो आक्सीजन भी मुहैय्या कराया जाएगा.मिर्जापुर और सोनभद्र के जिलाधिकारियों ने भी टेली आईसीयू लगाने को लेकर इच्छा जताई. समाज विकास मंच के अध्यक्ष अभिषेक पाण्डेय ने सभी का आभार जताया और आगे भी इस कोविड की लड़ाई में अधिकारियो को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

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