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मोदी को लगा बड़ा झटका , अब एक भी सांसद कम हुआ तो अल्पमत में आ जाएगी सरकार

नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र की सत्ता में चार साल पूरे करने के मोदी सरकार के जश्न में भांग पड़ गई है। 2014 के लोकसभा चुनावों में 282 सीटें अपने दम पर जीतकर भाजपा ने केंद्र में स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई थी और ऐसा लगभग 30 वर्षों बाद हुआ था।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास वर्तमान लोकसभा में 325 से ज्यादा सांसद थे और इस तरह मोदी सरकार के लिए बड़े से बड़ा फैसला लेना बेहद आसान हो गया था। लेकिन चार साल के अंदर ही परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं। कभी किसी सांसद के इस्तीफे तो कभी किसी सांसद के निधन के चलते संसदीय उपचुनाव हुए और भाजपा एक एक करके दस सीटें खो चुकी है। लोकसभा की वेबसाइट पर दिये गए आंकड़े बताते हैं कि अब सदन में भाजपा के 272 सांसद हैं और इनमें भी एक लोकसभा अध्यक्ष पद पर है। स्पष्ट बहुमत के लिए 272 सांसदों की जरूरत होती है और चूंकि लोकसभा अध्यक्ष वोट नहीं देते, इसलिए भाजपा के पास सदन में 271 वोट ही रह गए हैं। हालांकि आज जिन तीन संसदीय सीटों पर उपचुनाव हुए उनमें एक सीट भाजपा ने जीत ली है, जिससे फिर उसके पास 273 सांसद हो गए हैं। लेकिन अभी तक अपने दम पर सरकार चला रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब राजग सांसदों के समर्थन पर ही निर्भर हैं।

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बता दें कि तेलुगूदेशम पार्टी राजग छोड़कर बाहर जा चुकी है। आज उत्तर प्रदेश के कैराना और महाराष्ट्र के पालघर तथा भंडारा-गोंदिया संसदीय सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम भाजपा के लिए झटका हैं। यह तीनों सीटें भाजपा के ही पास थीं। अब एक सीट कैराना राष्ट्रीय लोकदल और दूसरी सीट भंडारा-गोंदिया राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास चली गई है तथा एक सीट पालघर पर भाजपा कब्जा रखने में सफल रही है। अभी दो दिन पहले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और भाजपा नेता श्रीरामुलु ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि यह दोनों विधानसभा के लिए चुन लिए गए हैं और दोनों सदनों में से किसी एक सदन की ही सदस्यता रख सकते हैं।

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