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म्हाडा ने ठेकेदार व मजदूर सहकारी संस्थाओं को डाला काली सूची में

मुंबई, 29 अगस्त : मुंबई की झोपड़-पट्टियों में सुरक्षा दीवार, टॉयलेट ब्लॉक व सुशोभीकरण बांधकाम की झूठी रिपोर्ट पेश करने वाले बीस ठेकेदारों व सत्रह मजदूर सहकारी संस्थाओं को म्हाडा ने हमेशा के लिए काली सूची में डालने का निर्णय लिया है। इतने ठेकेदारों व मजदूर सहकारी संस्थाओं को काली सूची में डालने का यह पहला मौका है। 

मुंबई झोपड़-पट्टी सुधार मंडल के माध्यम से मुंबई की गलिच्छ बस्तियों में टॉयलेट ब्लॉक्स, व्यायामशाला, शेड्स, श्मशान भूमि विकास, उद्यान सुशोभीकरण, मलनिसारण वाहिनी और पहाडों के समीप बनी झोपड़-पट्टियों में संरक्षक दीवार बनाने का काम किया जाता है। इन कार्यों को पूरा होने के बाद मुंबई मनपा को इसके देखभाल की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। एक ठेकेदार को साधारणतया 15 लाख रुपये तक का काम दिया जाता है। इन कामों पर और उन कामों की गुणवत्ता की देखभाल नहीं की जाती थी। ठेकेदारों द्वारा जो कच्चा माल तैयार किया जाता था, उसकी जांच एक प्रयोगशाला में होती थी और उसका खर्च संबंधित ठेकेदार उठाता था। अब तो कच्चे माल के संदर्भ में उसकी गुणवत्ता पर भी उंगली उठने लगी है। 

कुछे एक ठेकेदार माल की गुणवत्ता को लेकर झूठी रिपोर्ट दे दिया करते थे। इसको लेकर म्हाडा के दक्षता विभाग ने कामों की गुणवत्ता को लेकर ठेकेदारों के कामों व मालों की अचानक जांच पड़ताल की और सच्चाई बाहर आई और म्हाडा ने ठेकेदारों व मजदूर सहकारी संस्थाओं को काली सूची में डालने का निर्णय लिया है।

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