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यूपी : पिछले दस सालों में आज सबसे ठंडा रहा कानपुर

कानपुर, 06 जनवरी : बर्फीली हवाओं ने ऐसा कहर बरपाया कि गलन से हर कोई बेहाल हो उठा, तो वहीं छह जनवरी को कानपुर सबसे अधिक ठंड रहा। न्यूनतम तापमान पिछले 10 वर्षों में सबसे कम 3.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं अधिकतम तापमान 19.6 डिग्री रहा। मौसम विभाग के मुताबिक 6 जनवरी 2013 को न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। 

पिछले सात दिनों से लगातार अधिकतम तापमान 16 डिग्री या इससे कम चल रहा है, तो वहीं न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। शनिवार को दिन में हल्की धूप निकलने के बावजूद गलन का प्रभाव कम नहीं हुआ। 10 से 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहीं बर्फीली हवाओं ने दोपहिया वाहनों से चल रहे लोगों को खूब छकाया। कई लोग गाड़ियां रोककर अलाव तापते नजर आए तो कुछ ने चाय पीकर सर्दी कम करने की कोशिश की। रिक्शों से चल रहे बच्चों को उनकी मां कई-कई गर्म कपड़े पहनाने के साथ चेहरा ढके रहीं। सुबह से लेकर रात तक हाड़कंपाऊ सर्दी से जनजीवन बेहाल हो गया। 

मौसम विभाग के मुताबिक सर्दी का प्रकोप अभी जारी रहेगा। तापमान और गिर सकता है। पहाड़ों से आने वाली हवाओं ने गलन बढ़ा दी। 
जारी है गलन 

न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट से पिछले सात दिनों गलन जारी है। शनिवार को अधिकतम पारा 19.6 और न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री रहा। वहीं शुक्रवार को अधिकतम पारा 15.0 डिग्री सेल्सियस रहा तो न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस। जबकि गुरुवार को अधिकतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस था तो न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस। पिछले सात दिन से लगातार गलन का प्रभाव बना हुआ है। 

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी के मौसम वैज्ञानिक डॉ. अनिरुद्ध दुबे ने बताया कि सर्दी अभी इसी तरह अगले चार दिन तक रहने के आसार हैं। रात में कोहरा छाया रहेगा। शीतलहर के कारण रात के तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। दिन के पारे में भी गिरावट की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार, शीतलहर और गलन का प्रभाव अभी चार दिन और रहेगा। मतलब कड़कड़ाती सर्दी के बीच तापमान अभी और नीचे गिर सकता है। बताया कि पिछले दस सालों में छह जनवरी इससे पहले 2013 में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। बताया कि छह जनवरी को 2008 से न्यूनतम तापमान क्रमशः 8.0, 4.5, 8.4, 5.0, 10.6, 3.8, 9.2, 10.5, 9.9, 8.4, 3.6 रहा। 

गेहूं को होगा फायदा

शीतलहरी के साथ पड़ रही कड़ाके की सर्दी गेहूं व जौ के लिए फायेदमंद है, लेकिन दालों और फूलों को बचाना जरूरी है। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार, अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी कम चल रहा है। साथ ही कई दिन बीत गए हैं और पूरी तरह से धूप नहीं निकल रही है। इससे यह मौसम गेहूं व जौ की फसल के लिए तो फायदेमंद है। दलहनी फसलों के अनुसार तापमान काफी कम चल रहा है। साथ ही पाला भी गिर रहा है। किसान दलहनी फसलों को पाले से बचाने के लिए हल्की सिंचाई जरूर करते रहे। इसी तरह फूलों की खेती को भी बचाना जरूरी है।  (हि.स.)।

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