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रेप केस : सुप्रीम कोर्ट ने पीपली लाइव के सह-निर्देशक महमूद फारुकी को किया बरी

नई दिल्ली, 19 जनवरी : सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड की चर्चित फिल्म पीपली लाइव के सह निर्देशक महमूद फारूकी को अमेरिकी शोध छात्रा से दुष्कर्म मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देनेवाली याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में कोई गड़बड़ी नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने माना फारुकी और लड़की दोनों एक-दूसरे के लिए अजनबी नही थे। दोनों ने एक-दूसरे से अच्छी दोस्ती थी, कई बार साथ ड्रिंक किया था। दोनों के बीच घटना से पहले सेक्सुअल इंटरेक्शन भी था। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फारूकी के बरी करने के फैसले को बरकरार रखा।

जस्टिस बोबडे ने शिकायतकर्ता लड़की के वकील से पूछा कि कितनी बार आप (लड़की) फारूकी के साथ घूमे? कितनी बार दोनों ने साथ ड्रिंक पी? इस घटना के बाद भी लडक़ी ने फारुकी को आई लव यू का सन्देश क्यों भेजा। कोई रेप विक्टिम किसी आरोपी को ऐसे सन्देश क्यों भेजेगी?

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पिछले 25 सितंबर को हाईकोर्ट ने महमूद फारूकी को रेप के आरोपों से बरी कर दिया था। कोर्ट ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है। जस्टिस आशुतोष कुमार की बेंच ने कहा था कि पुलिस की एफआईआर और पीड़िता के बयान से ये स्पष्ट नहीं हो रहा है कि रेप था या आपसी सहमति। इस घटना के कई हफ्ते बीतने के बाद पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि ये भी एक वजह है आरोपी को बरी करने की।

फारूकी को ट्रायल कोर्ट ने सात साल सश्रम कैद की सजा सुनाई थी जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। फारूकी ने शोध छात्रा द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि उस दिन ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। वकील ने मामला दर्ज होने से पहले अपने मुवक्किल और शोध छात्रा के बीच संदेशों के आदान-प्रदान का हवाला देते हुए दलील दी थी कि जनवरी 2015 से दोनों के बीच संबंध थे। (हि.स.)।

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