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सहारनपुर जातीय हिंसा मामले में न्यायिक जांच की मांग, राजधानी में प्रदर्शन

लखनऊ, 31 मई = सहारनपुर में जातीय हिंसा में मारे गए अनुसूचित जाति के लोगों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी तथा घटना की न्यायिक जांच को लेकर बुधवार को अखिल भारतीय जाति विरोध मंच ने हजरतगंज में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सहारनपुर प्रशासन पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाकर जमकर नारेबाजी की।

इन लोगों ने रोड जाम करके मुख्यमंत्री से अपनी मांगें पूरी करने की गुहार लगाई और ऐसा नहीं होने पर संवैधानिक दायरे में रहते हुए प्रदेश बंद करने की धमकी दी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बीती पांच मई को शब्बीरपुर गांव में अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर धारदार हथियारों से हमला करके उनके घरों में आग लगा दी गयी और महिलाओं के साथ अभद्रता की गयी। इस घटना के कारण कई परिवार बेघर हो गए।

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इसके बाद फिर 23 मई को चंद्रपुर गांव के अनुसूचित जाति के लोगों पर जानलेवा हमला किया गया जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गयी और कई अन्य गम्भीर रुप से घायल हो गए थे। इन दोनों ही घटनाओं पर प्रशासन की तरफ से उदासीनता बरती गयी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सहारनपुर की घटनाओं से पूरी अनुसूचित जाति भयभीत और असुरक्षित महसूस कर रही है।

प्रदर्शनकारियों ने अपनी आठ सूत्रीय मांगों में घटना की न्यायिक एवं स्वतंत्र जांच, दोषियों की गिरफ्तारी, एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने, पीड़ित परिवारों के जलाये गए घर सरकार द्वारा बनाने, पीड़ित परिवारों को 50 लाख का मुआवजा देने, मारे गए अनुसूचित जाति के लोगों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी, फर्जी मुकदमे में फंसाये दलितों की रिहाई तथा महिलाओं, एससी-एसटी और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की मांग की।

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