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सियांग नदी में चीन की इस हरकत से , ब्रह्मपुत्र के आसपास के लोगो का जीवन संकट में

ईटानगर, 27 नवम्बर (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट सियांग जिले में सियांग नदी (ब्रह्मपुत्र) में गत दो से गंदा पानी पाए जाने को लेकर पासीघाट के लोग बड़ी चिंता में हैं। लोगों ने संदेह जताया है कि चीनी सरकार सियांग (सांगपो) नदी को मोड़ रही है।
वहीं बीते रविवार को सियांग नदी का दौरा करते हुए लोकसभा के सदस्य नोनिंग एरिंग ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कहा कि यह एक असामान्य घटना है, वह भी सर्दी के दिनों में।

उन्होंने कहा कि यह चीनी सरकार सियांग नदी (तिब्बत में सांगपो) को संभवतः मोड़ने के कारण यह हो सकता है। प्रधान मंत्री से इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की मांग की है।

शक्तिशाली सियांग नदी नवम्बर के महीने में गंदा होने का कोई अन्य कारण नहीं हो सकता है। यह चीनी क्षेत्र में नदी में बड़े स्तर पर खुदाई के कारण हुआ होगा। जिसे जमीनी वास्तविकता का पता लगाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। यदि यह सच है तो यह भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन है। 

सियांग नदी में बड़ी मात्रा में मछली की मौत की घटना हो रही है। इस मामले पर लोकसभा के सदस्य ने चिंता जताते हुए कहा कि वह ऊपरी सीमा से कूटिंग और गेलिंग जैसे ऊपरी सियांग से पुष्टि कर रहे हैं जो चीनी सीमा के करीब है कि गंदा पानी चीनी क्षेत्र से आ रहा है या नहीं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जब हम सियांग नदी पर यहां बड़ी हाइड्रो परियोजना की स्थापना के खिलाफ लड़ रहे हैं, वहीं चीन ने पहले से ही बड़े बांध बना लिया है। जबकि अब इसे अपने वांछित स्थानों से हटाने की कोशिश भी कर रहा है। इससे पूरे सियांग व ब्रह्मपुत्र के आसपास के मानवीय जीवन संकट में पड़ सकता है।

चीनी सरकार द्वारा सियांग नदी के पानी को मोड़ने के संभावित खतरे को रोकने के लिए उपाय करने के लिए भारत के विदेश मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय से भी उन्होंने अपील की है।

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