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सीबीआई ने जीएसटी कमिश्नर और उनकी पत्नी सहित 10 लोग किए गिरफ्तार

कानपुर, 03 फरवरी (हि.स.)। देश में भ्रष्टाचार की रोकथाम की कड़ी में चलाये जा रहे अभियान में कानपुर के वरिष्ठ जीएसटी कमिश्नर को पत्नी व 10 लोगों सहित गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई की दिल्ली से आई टीम कमिश्नर को फैजाबाद से व उनकी पत्नी को घर, विभागीय अफसरों को कार्यालय व चार बिचौलियों की गिरफ्तारी बेहद गोपनीय तरीके से कर कार्रवाही में जुट गई है। भ्रष्टाचारी अफसरों के खिलाफ चल रही कार्यवाही में यह देश की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है। 

जनपद के सर्वोदय नगर में सेंट्रल एक्साइज व सर्विस टैक्स विभाग का मुख्य कार्यालय है। यहां पर संसार चन्द वरिष्ठ जीएसटी कमिश्नर है। वरिष्ठ कमिश्नर ने जीएसटी कर के नाम पर वसूली करने को विभागीय अफसरों के साथ एक पूरा गिरोह तैयार कर रखा था। इसमें शामिल अफसर व कर्मी व्यापारियों व कारोबारियों सहित छोटे-बड़े सभी दुकानदारों के यहां पहले तो छापा मारते हैं और बाद में कार्यवाही के नाम पर खुली वसूली का पूरा नेटवर्क चला रहे थे। केन्द्र सहित राज्यों के सभी विभागों में इन दिनों भ्रष्टाचारियों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के चलते वरिष्ठ कमिश्नर जांच एजेंसी सीबीआई के निशाने पर कई महीनों से थे। 

शुक्रवार को वरिष्ठ कमिश्नर लखनऊ गये, वहां से वह दिल्ली जाने के लिए रवाना हुए। इस बीच जैसे ही वह फैजाबाद पहुंचे उन्हें दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने देर शाम डेढ़ लाख की घूसखोरी के मामले में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद शनिवार को सीबीआई की टीम कानपुर पहुंची और सर्वोदय नगर स्थित मुख्यालय में छापा मारा। यहां से सीबीआई की टीम ने तीन सुपरिटेंडेंट अमन शाह, अजय श्रीवास्तव, राजीव सिंह चंदेल को गिरफ्तार किया। यहां से फिर टीम वरिष्ठ कमिश्नर के रक्षा कॉलोनी में आवास पहुंची और उनकी पत्नी अविनाश कौर व उनके निजी सचिव सौरभ पांडेय को चार बिचौलियों को घूस की रकम के पकड़ लिया गया। बिचौलियों में उद्यमी मनीष शर्मा (निदेशक शिशु सोप), अमित अवस्थी, अमन जैन, चंद्रप्रकाश उर्फ मोनू भी शामिल हैं। 

सीबीआई का कहना है कि जीएसटी कमिश्नर कानपुर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी संसार चंद ने एक संगठित और व्यवस्थित रिश्वतखोरी रैकेट बना रखा था। रैकेट में शामिल अफसरों व कर्मियों ने कानपुर के उद्यमियों और उद्योगपतियों को कार्यवाही के नाम पर डरा रखा था और कहा गया कि अगर नियमित सुविधा शुल्क (रिश्वत) का भुगतान किया जाता है तो कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। यह भी भरोसा दिलाया गया था कि जीएसटी भुगतान नहीं भी किया जाता है, तब भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। रिश्वत तीन अधीक्षकों द्वारा एकत्र किए गए थी। 

यही नहीं पैसे हवाला के माध्यम से वरिष्ठ कमिश्नर अपनी पत्नी को स्थानांतरित कराते थे। रिश्वत में नकदी के साथ फ्रिज, महंगे टीवी सहित साज-सज्जा व आराम का हर सामान लिया जाता था। सीबीआई की ओर से कानपुर में दर्ज कराई गई एफआईआर में कमिश्नर के ऊपर हवाला के जरिए पैसे लेने के साथ ही रिमझिम सरिया, सर पान मसाला, रेखा डिटर्जेंट समेत अन्य फर्मों पर पैसे के साथ घूस में टीवी, फ्रिज देने का आरोप है। इन सभी के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है। 

बताते चलें कि बीते दिनों आयकर टीम द्वारा आरटीओ सुनीता वर्मा व उनके वाणिज्य कर कमिश्नर पति के आवास पर छापेमारी के दौरान करोड़ों की बेनामी सम्पत्ति व ट्रैवेल्स एजेंसियों में हिस्सेदारी की बात सामने आई थी। आरटीओ के रसूख, अफसरों व राजनीतिक गलियारें में पकड़ के चलते उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए उन्हें निलम्बित कर दिया था। उसके बाद सीबीआई द्वारा देश में जीएसटी कमिश्नर की गिरफ्तारी कानपुर में होने को अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही मानी जा रही है। 

कार्यालय में लटका मिला ताला

सीबीआई की कार्यवाही के बाद जीएसटी भवन स्थित जीएसटी कमिश्नर के कार्यालय में ताला लटका हुआ है। एक कर्मचारी यहां बैठा था। पूछने पर उसने कुछ बोलने से इंकार कर दिया। वरिष्ठ कमिश्नर की गिरफ्तार पर बिना नाम छापने की बात कहते हुए एक व्यापारी ने बताया कि कमिश्नर व उनके अर्दली अक्सर जीएसटी के नाम पर कारोबारी को डराते और जेल भेजने की धमकी देते थे। जीएसटी कमिश्नर के खिलाफ कानपुर के व्यापारियों द्वारा कुछ दिन पूर्व सड़क पर उतरकर विरोध किया और ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा था।

कई और रडार पर

वरिष्ठ कमिश्नर संसार चन्द के पकड़े जाने के बाद शहर के अफसरों के होश उड़े हुए हैं। जानकारों का मानना है कि जीएसटी कार्यालय में तैनात कई अफसरों पर सीबीआई ने नजरें गढ़ा रखी है। सीबीआई की एक टीम कानपुर पहुंच चुकी है और जल्द ही कई अन्य अफसरों की गिरफ्तारी की जा सकती है। 

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