Home Sliderखबरेदेशनई दिल्ली

सुनंदा केस में आरोपी शशि थरुर को हो सकती हैं इतने साल की सजा , 3000 पेज की चार्जशीट पेश

नई दिल्ली (ईएमएस)। देश के चर्चित सुनंदा पुष्कर केस में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को संदिग्ध आरोपी माना है। सोमवार को पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में 3000 पेज की चार्जशीट पेश की है। इसमें आईपीसी की धारा 306 और 498 ए के तहत शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है। यदि थरूर दोषी साबित हुए, उन्हें अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है। जानकारी के मुताबिक,आईपीसी की धारा 498 ए के तहत पति द्वारा महिला के साथ क्रूरता बरतना और धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज होता है। यदि आरोपी का दोष साबित हो जाता है, तो धारा 306 के तहत अधिकतम 10 और 498 ए के तहत अधिकतम 3 साल तक की जेल हो सकती है। हालांकि,अभी इस केस की सुनवाई शुरू होनी है। आरोपी बनाए जाने पर शशि थरूर ने कहा, ‘आरोप गलत हैं। मैं इसके खिलाफ लड़ूंगा। जो सुनंदा को जानते थे,उन्हें पता है कि मेरे उकसाने से वह आत्महत्या नहीं कर सकती थीं। शशि थरुर ने पुलिस की मंशा पर सवाल उठते हैं। हाईकोर्ट में जांच अधिकारी ने कहा था कि उन्हें किसी के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं। अब 6 महीने बाद वह कह रहे हैं कि मैंने खुदकुशी के लिए उकसाया।

राहुल की पीएम उम्मीदवारी पर भी ओपिनियन पोल हो गयाः भाजपा

पुलिस चार्जशीट पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा,इस केस से जुड़े सभी गवाहों और दस्तावेजों को यूपीए सरकार और भ्रष्ट पुलिस ने नष्ट कर दिया था। वर्तमान साक्ष्य के आधार पर यह चार्जशीट दाखिल हुई है। ट्रायल के दौरान अधिक सूचनाएं सामने आएंगी। थरूर पर आरोप हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया था। बात दे कि 17 जनवरी,2014 की रात दिल्ली के एक 5 स्टार होटल के कमरे में कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर (51) मृत मिली थीं। घटना के एक दिन पहले सुनंदा और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर बहस हुई थी। यह बहस शशि थरूर के साथ मेहर के कथित अफेयर’ को लेकर हुई थी। सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर सहित कई व्यक्तियों से पूछताछ की जा चुकी है। दिल्ली पुलिस थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और दोस्त संजय दीवान का पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवा चुकी है। यहां तक की विसरा को दोबारा जांच के लिए एफबीआई लैब भेजा गया,फिर भी कुछ पता नहीं लग पाया था।

29 सितंबर 2014 को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपा था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है। बोर्ड ने कहा था कि कई रसायन हैं जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते हैं। लिहाजा, उनके वास्तविक रूप के बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद 1 जनवरी 2015 को सरोजनी नगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इसके बाद सुनंदा के विसरा को जांच के लिए एफबीआई लैब अमेरिका भेज दिया गया था। वहां की लैब में भी जहर के बारे में पता नहीं लग सका था। पुलिस ने फोरेंसिक साइकोलॉजी एनालिसिस टेस्ट भी कराया था।

Related Articles

Back to top button
Close