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हमें जेलों पर लेक्‍चर न दे ब्रिटेन, गांधी-नेहरू को उसने यही रखा था: सुषमा

नई दिल्ली (ईएमएस)। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने भगौड़े कारोबारी विजय माल्‍या के प्रत्‍यर्पण के मामले में भारतीय जेलों को लेकर ब्रिटिश अदालत के सवाल पर कड़ा रुख अपना लिया है। सुषमा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉमनवेल्‍थ समिट के दौरान ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे से कहा था कि ब्रिटिश कोर्ट का भारतीय जेलों के बारे में पूछना सही नहीं है, क्‍योंकि ये वही जेलें हैं, जिनमें गांधी और नेहरू जैसे हमारे नेता रहे थे। इस तरह के सवाल करना आपके लिए ठीक नहीं है। बता दें कि माल्‍या ने अपने बचाव में कहा था कि भारत की जेलें ठीक नहीं हैं। इसके बाद ब्रिटिश कोर्ट ने जेलों की जांच करने की बात कही थी।

सुषमा ने कहा कि हमने विजय माल्‍या को भारत भेजने की अर्जी भेज दी है। इसमें एक मामला 12 बैंकों के कंसोर्टियम ने दाखिल किया था, जिसे वे जीत गए हैं और उन्‍हें कह दिया गया है कि वे कर्ज वसूली कर सकते हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर सुषमा ने प्रेस कांफ्रेंस की और उपलब्धियां गिनाईं। इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि सरकार ने पिछले चार सालों में वैश्चिक मंच पर अप्रत्याशित पहुंच और अद्भुत परिणाम हासिल किए हैं। नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल के शासनकाल के कार्यों की रुपरेखा पेश करते हुए स्वराज ने कहा कि 2014 में इस सरकार के आने के बाद से भारत ने चार निर्यात नियंत्रण (अंतरराष्ट्रीय) व्यवस्थाओं में से तीन की सदस्यता हासिल की है। स्वराज ने कहा कि सरकार अपनी अप्रत्याशित पहुंच और असमानांतर परिणाम नीति के तहत 192 देशों में से 186 तक पहुंच चुकी है।

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