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होली पर सेहत से कुछ इस तरह खिलवाड़ कर रहे मिलावटखोर.

Uttar Pradesh. मेरठ, 08 मार्च (हि.स.)। होली पर भी मिलावटखोरों का कारोबार पूरे चरम पर पहुंच गया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम की छापेमारी में भी मिलावटखोरों के खेल की पुष्टि हो रही है।

त्योहार आते ही खाद्य पदार्थों में मिलावट का सिलसिला तेज हो जाता है। इस समय बाजारों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बाढ़ आ गई है। अधिक मुनाफा कमाने के फेर में लोगों की सेहत से खूब खिलवाड़ हो रहा है। यह सब एफएसडीए की नाक के नीचे हो रहा है। मिलावटखोरों को रोकने के लिए एफएसडीए हर सीजन में छापेमारी करता है, लेकिन मिलावटखोरी का धंधा धड़ल्ले से चलता रहता है। एफएसडीए का कोई खौफ बाजारों में दिखाई नहीं दे रहा।

होली समेत तमाम त्योहारों पर मिठाई की खूब बिक्री होती है। इन्हें रंग-बिरंगी दिखाने के लिए खतरनाक प्रतिबंधित रसायनिक कलर मिलाए जा रहे हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया की ओर से इन रंगों को खाने के लिए खतरनाक घोषित किया गया है। पनीर, खोया, दूध से बनी मिठाईयोें में सबसे ज्यादा मिलावट हो रही है।

एफएसडीए के अभिहित अधिकारी रणधीर सिंह का कहना है कि एक अप्रैल 2016 से 31 जनवरी 2017 तक भरे गए 512 नमूनों में से 344 की रिपोर्ट आ गई है। इनमें से 160 नमूने अधोमानक (सब स्टैंडर्ड) पाए गए। इनमें खतरनाक रसायनिक रंग मिले, जो सेहत के लिए खतरनाक हैं। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि लोगों को कलरयुक्त मिठाईयों से परहेज करना चाहिए। इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।

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मेडिकल काॅलेज के मेडिसिन विभागध्यक्ष प्रो. तुंगवीर सिंह आर्य का कहना है कि मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से लोगों में कैंसर, अल्सर, उच्च रक्तचाप, पेट रोग, चर्म रोग आदि खतरनाक बीमारियां घर करती जा रही हैं। इससे कई लोगों की जान भी चली जाती है। लोगों को सावधान होकर बाजार की मिठाई खरीदनी चाहिए।

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