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62 प्रतिशत भारतीय कार चलाते वक्त करते हैं मोबाइल का उपयोग

नई दिल्‍ली (ईएमएस)। भारत में ज्‍यादातर लोग कितनी लापरवाही से ड्राइविंग करते हैं,यह बताने की जरूरत नहीं। लेकिन जब से मोबाइल फोन आया है,तब से भारत में सड़क दुर्घनाओं में इजाफा देखा गया है। ड्राइविंग करते समय फोन पर बात करना गैरकानूनी है, जिसके लिए जुर्माने का भी प्रावधान है। लेकिन बावजूद ज्‍यादातर भारतीय ड्राइविंग करते समय मोबाइल का इस्‍तेमाल करते हैं। इससे वह खुद की ही नहीं, दूसरों की जान भी जोखिम में डालते हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक, ड्राइविंग करते समय हर पांच में से तीन भारतीय फोन पर बात करते हैं। उत्तर भारत इस मामले में सबसे आगे रहा जहां 62 फीसदी लोगों ने माना कि वो कार चलाते वक्त फोन का इस्तेमाल करते हैं,जबकि दक्षिण भारत में ऐसा मानने वालों का फीसदी 52 रहा। जहां तक दिल्ली की बात है 63.7 फीसद लोगों ने ड्राइविंग के दौरान फोन इस्तेमाल करना स्वीकार किया।

सर्वे में हर चार में से सिर्फ एक ने माना कि वह नियमों का उल्‍लंघन करते हुए पुलिसवालों के हत्‍थे चढ़ा। तेज गति से गाड़ी चलाना भी भारतीय सड़कों पर आम बात है। इस मामले में दक्षिण भारत का केरल नंबर एक पर है,जहां 60 प्रतिशत लोगों ने माना कि वह सीमा से अधिक गति से वाहन चलाते हैं। वहीं दिल्‍ली में यह 51 प्रतिशत है। पंजाब में 28 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे तेज गति से गाड़ी चलाते हैं। निसान इंडिया ने बीते दिनों परिवारों में ड्राइविंग की आदतों को लेकर एक सर्वे कराया। 20 राज्यों में ‘निसान कनेक्टड फैमिलीज’ के नाम से हुए इस सर्वे में करीब 2100 व्यस्क पुरुषों और महिलाओं से सवाल पूछे गए। ड्राइविंग के दौरान फोन पर बात करने की आदत पर पूछे गए सवाल में सामने आया कि ज्यादातर लोग ऐसा करते हैं। परिवार में एक दूसरे के प्रति चिंता का जहां तक सवाल है, पूर्व और पश्चिम के लोग इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित होते हैं जब उनका जीवनसाथी ड्राइविंग सीट पर हो। इनके मुकाबले उत्तर और दक्षिण के लोग ज्यादा बिंदास हैं। सर्वे में शामिल 52 फीसदी लोग सामने आये जो हर वक्त अपने परिवार के साथ संपर्क में रहना चाहते हैं। भले ही वह वाहन चला रहे हों।

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