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कांग्रेस ने दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के अनट्रेसेज केस को बताया खतरनाक

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोविड-19 वायरस के संक्रमण में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र और दिल्ली सरकार को तत्परता दिखाने को कहा है. विपक्षी पार्टी का कहना है कि पूरे देश में दिल्ली दूसरे स्थान पर है, जहां संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. उस पर सबसे खतरनाक यह है कि यहां अंडर इंवेस्टिगेटेड केस (यानी जिनमें अभी लक्षण ट्रेस नहीं हो सके हैं) की संख्या 135 है.

अनट्रेसेज केस के मामले में दिल्ली महाराष्ट्र और केरल से भी कहीं आगे हैं. ऐसे में जरूरी है कि केंद्र और राज्य सरकार विशेष योजना के तहत जांच प्रक्रिया को बढ़ाते हुए यह तय करे कि कहीं दिल्ली कम्यूनिटी ट्रांसफर की ओर तो नहीं बढ़ रहा.

कांग्रेस प्रवक्ता एवं दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राजधानी दिल्ली में स्लीपर सेल की तरह कोरोना पॉजिटिव केस इधर-उधर घूम रहे हैं. जिनकी न तो जांच हो सकी है और न ही उनमें लक्षण दिख रहे हैं. अगर ऐसे लोगों की पर्याप्त जांच के बाद इन्हें क्वारेंटाइन नहीं किया जाता है तो ये लोग बाद में मुश्किलें और बढ़ा सकते हैं.

अजय माकन ने कहा कि अभी बीते दिन एक पिज्जा डिलिवरी ब्वॉय में संक्रमण की पुष्टि हुई लेकिन उससे पहले वह कई अस्पतालों में जांच के लिए गया था, तब वहां उसे यह कहकर जांच से मना कर दिया गया कि उसकी विदेश यात्रा की कोई हिस्ट्री नहीं है. इसीलिए मेरी राज्य और केंद्र सरकार से मांग है कि जितनी ज्यादा से ज्यादा जांच की जा सकेगी, उतने ही हम आश्वस्त हो सकेंगे कि संक्रमण का दायरा कितना बड़ा है.

इसके अलावा उन्होंने पिज्जा डिलिवरी ब्वॉय के कारण क्वारेंटाइन किए गए 89 लोगों को भी सिर्फ एक किनारे रखने के बजाय उनकी जांच करने के बाद क्वारेंटाइन करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि अगर उनकी जांच नहीं की गई और बाद में वो अंडर क्वारेंटाइन रहते हुए अपने परिजनों को इंफेक्ट करेंगे, जिससे समस्या बढ़ेगी ही.

कांग्रेस नेता ने वायरस इंफेक्शन को लेकर एक अन्य मुख्य बिन्दु को उठाते हुए कहा कि देशभर में सुरक्षा उपकरणों की बहुत कमी है, यह बात धीरे-धीरे सामने आने लगी है. हालांकि दिल्ली सरकार ने कुछ दिन पहले कहा था कि उनके अस्पतालों में सभी प्रकार की सुविधाएं है लेकिन यह सच नहीं है. अगर ऐसा होता दिल्ली देश का पहला राज्य नहीं होता जहां 55 की संख्या में हेल्थ केयर प्रोफेशेनल संक्रमित हुए हैँ.

उन्होंने कहा कि समाचारों के माध्यम से यह भी जानकारी मिली है कि कुछ अस्पतालों में पीपीई किट्स की इतनी कमी है कि लोग ब्लैक एक्सरेज का उपयोग कर मरीजों की देखभाल कर रहे हैं. अगर सुरक्षा व्यवस्था का दायरा इतना ही कमजोर रहा तो वायरस को रोक पाने की हमारी सारी कोशिशें बेकार साबित होंगी. इसलिए कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार से लगातार मांग करती रही है कि सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ज्यादा से ज्यादा जांच को तरजीह दी जाए.

साथ ही अजय माकन ने प्रवासी मजदूरों की समस्या को दूर करने के लिए आर्थिक मदद पहुंचाए जाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि अगर ये प्रवासी मजदूर शहरों को छोड़कर अपने घर चले गए तो इन्हें वापस लाना बहुत मुश्किल होगा.

ये प्रवासी सिर्फ दिहाड़ी मजदूर ही नहीं हैं बल्कि ठेला-खोमचा लगाने वाले स्व-रोजगार करते हैं. कुछ लोग धोबी है और कपड़े प्रेस करने का काम करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि इन्हें शहरों में ही रोका जाए लेकिन यह तभी संभव होगा जब इन्हें यहां सुविधा मिल सकेगी. इसीलिए आवश्यक है कि सरकार इनके लिए 7500 प्रति माह की राशि तय करते हुए इनकी मदद करे. (एजेंसी, हि.स.)

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