दलाई लामा पहुंचे सारनाथ, तिब्बती परम्परा के अनुरूप हुआ भव्य स्वागत
वाराणसी, 29 दिसम्बर (हि.स.)। तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु व शांति के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित परमपावन दलाई लामा शुक्रवार को भगवान् बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ स्थित केन्द्रीय तिब्बती शिक्षा संस्थान पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। पूरे चार साल बाद संस्थान परिसर में दलाई लामा के पहुंचने पर तिब्बती छात्र-छात्राओं, बौद्ध भिक्षुओं, गुरूजनों ने कुलपति प्रो. गेशे नवांग समतेन की अगुवाई में अपने सर्वोच्च धर्मगुरु का परम्परागत ढंग से स्वागत किया। इस दौरान उनके हाथों में स्वागत का प्रतीक चिन्ह खाता भी था। सर्वोच्च धर्मगुरु के परिसर में आते समय इसे शीश झुकाकर अपने माथे से लगाकर भी अभिवादन किया गया। स्वागत में तिब्बत का खास गीत भी गाया गया।
परमपावन संस्थान के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेने के लिए पांच दिवसीय प्रवास पर यहां पहुंचे हैं। प्रवास के दौरान सर्वोच्च धर्मगुरू शनिवार को सुबह 9.30 बजे माइंड इन इंडियन फिलासॉफिकल स्कूल्स ऑफ थाट एण्ड मार्डन साइंस विषयक दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान सेमिनार में परम पावन फ्रांस के मनोवैज्ञानिक व दार्शनिक मिचेल बिटबाल, आमेरिका से न्यूरोसाइंस के वैज्ञानिक सियान रेमन, श्रीलंका से बुद्धिज्म विद्वान प्रो. असंघ तिलकरत्ने, कनाडा से महायान बुद्धिज्म के आचार्य थुक्तेन जिम्पा, विवेकानंद विश्वविद्यालय कलकत्ता से वेदांत योग के विद्वान स्वामी आत्मप्रिया, याधवपुर विश्वविद्यालय कलकत्ता के अद्वैत वेदांत रूपा बंदो उपाध्याय, बीएचयू न्याय विभाग के विद्वान सच्चिदानंक सहित दिग्गज विद्वानों के साथ चर्चा करेंगे। चर्चा के दौरान पंडाल में जहां दलाई लामा बैठेंगे, उसके ठीक पीछे भगवान बुद्ध की तस्वीर लगाई गई है। इस तस्वीर के दाहिने नागार्जुन व बायें बौद्ध विद्वान् आसंग की तस्वीर लगाई गई है। लगभग 1008 लुंगता पर अवलेकेश्वर, मंजुश्री, वज्रयानी व भगवान बुद्ध के मंत्र लिखे हैं।
पंडाल में जगह-जगह इसे टांगा गया है। साथ ही पंडाल में प्राचीन नालंदा के 17 बौद्ध विद्वानों की तस्वीर भी लगाई गई है। तीसरे दिन 31 दिसम्बर को भी परमपावन इस सेमिनार में भाग लेंगे। एक जनवरी को सुबह 9.30 बजे संस्थान के स्वर्ण जयंती समारोह में उपस्थित तिब्बती छात्र-छात्राओं को भी संबोधित करेंगे। इसी दिन दोपहर डेढ़ बजे वह बाबतपुर एयरपोर्ट से चार्टर्ड प्लेन से बोध गया रवाना हो जाएंगे।
दुल्हन की तरह सजा तिब्बती संस्थान
दलाई लामा के स्वागत में केन्द्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान को दुल्हन की तरह सजाया गया है। संस्थान परिसर के अलावा पूरे सारनाथ को पंचशील झंडों से पाट दिया गया है। मवईया चौराहे से सारनाथ तक विद्युत झालरों से सजावट की गयी है। संस्थान के छात्र-छात्राओं ने परिसर और आसपास जगह-जगह रंगोली बनाकर उनके प्रति अनुराग जताया है। उधर, परम पावन दलाई लामा की सुरक्षा में 2 डीएसपी, 4 एसओ, 42 दरोगा, 100 कांस्टेबल और दो कंपनी पीएसी बल तैनात किया गया है। ड्रोन कैमरे से चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है। चीनी नागरिकों से खतरे को देख सुरक्षा एजेंसियों ने भी सारनाथ में डेरा डाल दिया है। पल-पल की रिपोर्ट एजेंसी के अधिकारी अपने मुख्यालय भेज रहे हैं।