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कश्मीरी छात्रों को प्रवेश देने के विरोध में उतरे स्थानीय छात्र

देहरादून, 21 जून = डीएवी पीजी कॉलेज में कश्मीरी छात्रों को प्रवेश देने का छात्रों ने विरोध किया है। बुधवार को छात्रसंघ के कार्यकर्ताओं ने तीखा विरोध दर्ज करते हुए कॉलेज प्राचार्य डा. देवेंद्र भसीन को ज्ञापन सौंपा। छात्रों का कहना है कि यह सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील मसला है। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की।

छात्र संघ अध्यक्ष राहुल कुमार के नेतृत्व में छात्र डीएवी पीजी के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र भसीन से मिले। जहां उन्होंने कश्मीरी छात्रों को प्रवेश देने के फैसले को वापस लेने की मांग की। छात्रों ने ज्ञापन देते हुए कहा कि कालेज में पहले भी कश्मीरी मुस्लिम छात्रों को प्रवेश दिया गया है। लेकिन ये छात्र देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।

अभी हाल ही में देहरादून के सेलाकूई स्थित एक कालेज में बीएससी की पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्र दानिश का आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने की बात सामने आई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद इसका खुलासा हुआ। इसे किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। डीएवी महाविद्यालय में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र भी देश विरोधी हैं।

छात्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर ये छात्र खुले आम खुशी का इजहार करते हैं, जश्न मनाते हैं, इससे स्थानीय छात्रों के बीच खासा आक्रोश पनपता जा रहा है। यह स्थिति कभी भी गंभीर रूप धारण कर सकती है। छात्रों ने कहा कि जो इस देश में रहते हैं और सारी सुख-सुविधायें भोग रहे हैं। फिर भी पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करते हैं। इनकी अवांछित हरकतों को देशद्रोह की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।

छात्रों ने ज्ञापन में कहा कि कुछ समय पूर्व भी डीएवी कालेज एवं अन्य संस्थानों के छात्रों ने घंटाघर पर खुलेआम देश विरोधी नारे लगाये थे। अगर कश्मीरी छात्रों को कालेज में प्रवेश दिया जाता है तो इससे माहौल खराब होगा और अन्य छात्रों की पढ़ाई नुकसान होने की भी आशंका है। छात्रों ने कालेज प्रबंधन से स्थानीय छात्रों के हित में उचित कदम उठाने की मांग की है।

छात्रों ने साथ ही चेतावनी भी दी है अगर इन सारे तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए कश्मीरी छात्रों को प्रवेश दिया जाता है तो छात्रसंघ किसी भी हद तक जाकर विरोध करेंगे। इसके बाद जो स्थिति उत्पन्न होगी उसके लिए कालेज प्रशासन जिम्मेदार होगा।

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