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मेरठ नगर निगम: आठ प्रत्याशियों में महापौर बनने की जद्दोजहद

मेरठ, 11 नवम्बर (हि.स.)। नगर निकाय चुनावों में मेरठ का महापौर बनने को आठ प्रत्याशियों के बीच जंग तेज हो गई है। हर पार्टी के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इसी तरह से 820 प्रत्याशियों में से 22 नवम्बर को मतदाता अपने 90 पार्षद चुनेंगे। नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद गली-मोहल्लों में चुनाव प्रचार तेज हो गया है।

मेरठ नगर निगम में महापौर बनने के लिए भाजपा प्रत्याशी कांता कर्दम, बसपा की सुनीता वर्मा, सपा प्रत्याशी दीपू मनोठिया, कांग्रेस की ममता सूद, रालोद की सुनीता रानी, भारतीय तारक समाज पार्टी की रेखारानी, निर्दलीय प्रत्याशी मीना और राजकुमारी के बीच जंग छिड़ गई है। मुख्य मुकाबला भाजपा, सपा और बसपा प्रत्याशियों के बीच है। इन सभी ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। ऐसा ही हाल 90 वार्डों में पार्षद बनने के लिए 820 उम्मीदवारों के बीच है। इन सभी ने अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए वोटरों को रिझाना शुरू कर दिया है। 22 नवम्बर को होने वाले मतदान के लिए स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ राष्ट्रीय मुद्दों को भी उछालने की शुरूआत हो गई है।
भाजपाईयों में सबसे ज्यादा मारामारी

मचे घमासान में विरोधियों को मनाने में भाजपा के छूटे पसीने

नगर निगम के 90 वार्डों में से भाजपा ने 72 वार्डों में अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। 18 मुस्लिम वार्डों में भाजपा ने प्रत्याशी उतारने से परहेज किया है। जबकि 2012 में भाजपा ने 20 वार्डों में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। भाजपा ने 2012 में एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया था तो इस बार पांच मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इसी कारण भाजपा प्रत्याशियों में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की मारामारी ज्यादा मच रही है।
भीतरघात से जूझ रहे सभी दल

टिकट वितरण में अंसतोष ने सभी दलों को परेशान कर दिया है। सबसे ज्यादा असंतोष भाजपा के भीतर मचा है। इसके बाद बसपा में भी टिकट बंटवारे से खूब हलचल मची हुई है। कांग्रेस और सपा भी टिकट बंटवारे के घमासान से मुक्त नहीं हो पाई है। इन पार्टियों के प्रत्याशियों का समय अपने बागियों को मनाने में खर्च हो रहा है।

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