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आगर मार्ग पर फिर दुर्घटना, 3 की मौत

बसों में नहीं हो रही स्पीड गवर्नर की जांच

उज्जैन, 06 फरवरी (हि.स.)। शहर के प्रमुख मार्गों पर रोजाना सडक़ दुर्घटनाएं हो रही हैं और मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार सुबह भी घोंसला के समीप यात्री बस और कंटेनर के बीच आमने-सामने से जोरदार भिड़ंत हो गई। इस घटना में तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई, वहीं डेढ़ दर्जन से अधिक यात्री घायल हैं। इन सबको को लेकर यह प्रश्न उठ रहा है कि आखिर आरटीओ द्वारा बसों में स्पीड गवर्नर की जांच हो रही है या नहीं? पुलिस की कार्यशैली भी शंका के दायरे में नागरिकों द्वारा ली जा रही है। 

घोंसला थानांतर्गत परिमाता मंदिर के समीप मंगलवार सुबह यात्री बस ब्रह्माणी ट्रेवल्स तथा एक कंटेनर के बीच जोरदार भिड़ंत हो गई। घटना सुबह करीब 5.30 से 6 बजे के बीच की है। उस समय सडक़ पर हल्की धंूध भी छाई थी। पुलिस ने बताया कि भड़ाम की आवाज पर क्षेत्र के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायल यात्रियों को बस से बाहर निकाला। बस में बैठे तकरीबन सभी यात्री घायल हुए। डेढ़ दर्जन से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हुए वहीं तीन यात्रियों की मौत हो गई। घायलों को तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल उज्जैन भेजा गया। 

पुलिस ने बताया कि मृतकों में बड़ौद निवासी गोविंदसिंह सहित तीन लोग हैं जिनमें दो की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। बस के ड्रायवर गोविंद के दोनों पैर दुर्घटना में कट गए थे। बस का सामने का हिस्सा चकनाचूर हो गया था। पुलिस ने बताया कि घायलों के नाम नानूखेड़ी निवासी ईश्वर, नागपुरा निवासी शेषराव, नलखेड़ा निवासी दिनेश, चेतना, ऐश्वर्या और सुशीला, जीरापुर निवासी मनोजसिंह, बांसवाड़ा निवासी हिमांशु, सरखेड़ी निवासी फूलसिंह, रेलवास निवासी दिनेश दूलाजी, नजरपुर निवासी रवीन्द्र, बड़भुंजी निवासी दुर्गेश, लोहारपट्टी निवासी रामबाबू, माकड़ोन निवासी बस क्लीनर संतोष, बड़ौदा निवासी गायत्री और सीमा, भैरवगढ़ निवासी कैलाश तथा अंजूबाई हैं। इनका उपचार जिला अस्पताल में जारी है। थाना प्रभारी दिनेश भोजक के अनुसार यात्री बस में करीब 50 सवारियां बैठी थी। घटना के बाद जाम लग गया था, जिसे पुलिस ने हटाया। वहीं दुर्घटनाग्रस्त बस एवं कंटेनर को क्रेन की सहायता से सडक़ के किनारे किया। 

आरटीओ से नागरिक पूछ रहे प्रश्न…

प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्रालय द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं कि यात्री बसों में दुर्घटनाएं रोकने हेतु स्पीड गवर्नर लगवाए जाएं। विगत दिनों इंदौर में स्कूली बस की हुई भीषण दुर्घटना के बाद आरटीओ अमला स्कूली बसों की जांच करने गया था। इस मामले में सीधी नाराजगी मुख्यमंत्री ने दर्ज कराई थी। इधर विभाग के निर्देश हैं कि यात्री बसों में भी स्पीड गवर्नर लगवाएं, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है। यात्रियों का आरोप है कि बस तेज गति से चल रही थी, वहीं कंटेनर भी तेज गति में था। अर्थात सीधी भिड़ंत में अधिकतर यात्रियों को चोटे पहुंची। 

आरटीओ ने की स्कूली बसों की जांच

मंगलवार सुबह आरटीओ संतोष मालवीय ने अपने अमले के साथ देवास मार्ग स्थित विद्याभवन स्कूल पहुंचकर स्कूली बसों की जांच की। उन्होंने बताया कि स्कूल में उपलब्ध बसों में से चार बसों की हालत खराब थी। उन्होंने इन बसों को हटाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार जिन बसों में आपातकालीन दरवाजा, फस्र्टएड बॉक्स, अच्छे टायर नहीं थे, उसे लेकर नोटिस जारी किया। 

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