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आसाराम रेप फैसला : रेप पीड़िता के पिता बोले न्‍याय मिला

शाहजहांपुर (ईएमएस)। यौन शोषण के मामले में जोधपुर की एक अदालत ने बुधवार को स्‍वयंभू बाबा आसाराम को दोषी ठहराया। पिछले चार साल हर पल खौफ और दर्द में गुजारने वाले रेप पीड़िता के पिता ने इस फैसले पर खुशी जताई है। उन्‍होंने कहा कि आसाराम को दोषी ठहराया गया है और उन्‍हें न्‍याय मिला है। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि उन गवाहों को भी न्‍याय मिलेगा, जिनकी हत्‍या कर दी गई। रेप पीड़िता के पिता ने कहा, आसाराम को दोषी करार दिया गया है और हमें न्‍याय मिला। मैं इस लड़ाई में समर्थन देने वाले हरेक शख्‍स को धन्‍यवाद देता हूं। अब मैं आशा करता हूं कि उसे कड़ी सजा मिलेगी। मैं यह भी आशा करता हूं कि जिन गवाहों की हत्‍या कर दी गई या उनका अपहरण कर लिया गया, उन्‍हें भी न्‍याय मिलेगा। बता दें कि बलात्कार के एक मामले में जोधपुर की विशेष अदालत ने आसाराम को दोषी ठहराया है। उनके अनुयायियों के साथ-साथ देशभर के लोगों की नजरें जोधपुर की विशेष अदालत के इस फैसले पर थीं। सुरक्षा कारणों से जोधपुर सेंट्रल जेल के भीतर ही यह फैसला सुनाया गया। साल 2013 में शाहजहांपुर की 16 साल की एक लड़की ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार करने का आरोप लगाया था। इसके बाद से वह जेल में बंद हैं।

आसाराम यौन शोषण प्रकरण में पिछले चार वर्षों से जारी इस संघर्ष में पीड़िता के परिवार पर आसाराम और उनके गुर्गों ने कई बार समझौते का दबाव बनाया था। यहां तक खुद पीड़िता के पिता पर भी मुकदमे दर्ज कराए गए। फैसला आने से पहले पीड़िता के पिता ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा था, उन्‍होंने साढे़ चार साल अपनी बेटी को न्याय दिलाने में खो दिए। मुझे तो तोड़ने के पूरे प्रयास किए गए। साथ ही कई गवाहों की हत्या भी कर दी गई। इस केस में सबसे अहम गवाह कृपाल सिंह की 10 जुलाई 2015 को शाहजहांपुर के कैंट क्षेत्र में गोली मार दी गई थी। इसके अगले दिन उसकी बरेली में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

कृपाल सिंह पीड़िता के पिता के यहां नौकरी करता था। इस पीड़िता के परिवार ने न्यायालय पर पूरा भरोसा जताया था। पीड़िता का परिवार आसाराम पर न केवल भरोसा करता था, बल्कि वह उसे भगवान की तरह पूजता था। लेकिन रेप की घटना के बाद से पूरा परिवार टूट गया। पिछले चार वर्षों में इस परिवार को शारीरिक और मानसिक रूप से तोड़ने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ते रहे। इस बीच पुलिस अधीक्षक नगर दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट से आने वाले निर्णय को ध्‍यान में रखते हुए वह स्वयं पीड़िता के परिवार की सुरक्षा की पूरी समीक्षा कर रहे हैं। पूरा प्रशासन और पुलिस अधिकारी बराबर नज़र बनाए हुए हैं। नियमित रूप से अधिकारी पीड़िता के घर पहुंचकर सुरक्षा का जायजा ले रहे हैं और निगरानी कर रहे हैं।

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