खबरेदेशनई दिल्ली

इसरो ने बनाया रिकॉर्ड, एक साथ 104 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण.

श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश)15 फरवरी . भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने आज एक ही रॉकेट के माध्यम से रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया. इन उपग्रहों में भारत का पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह भी शामिल है. श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से किया गया यह प्रक्षेपण पीएसएलवी के माध्यम से किया गया. रुसी अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा वर्ष 2014 में एकल मिशन के तहत प्रक्षेपित किए गए 37 उपग्रहों की संख्या को पीछे छोड़ते हुए इसरो ने कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह और 103 नैनो उपग्रहों को सटीक ढंग से कक्षा में प्रवेश करा दिया.  एजेंसी ने कहा कि इसरो ने अब तक अधिकतम 20 उपग्रहों को एक ही मिशन के तहत प्रक्षेपित किया था. वह प्रक्षेपण जून 2015 में किया गया था.     इसरो ने कहा कि कार्टोसैट-2 श्रृंखला का उपग्रह ऐसी तस्वीरें भेजेगा, जो तटीय भू प्रयोग एवं नियमन, सड़क तंत्र निरीक्षण, जल वितरण, भू-प्रयोग नक्शों का निर्माण आदि कार्यों में सहायक होंगी. यह एक दूर संवेदी अंतरिक्ष यान है, जिसका जीवनकाल पांच साल का है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के इस सफल परीक्षण पर उसे बधाई देते हुए कहा कि इसरो द्वारा हासिल की गई यह अहम उपलब्धि हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिक समुदाय और देश के लिए एक और गौरवपूर्ण क्षण है.

भारत अपने वैज्ञानिकों को सलाम करता है.  इस जटिल मिशन ने एक बार फिर व्यावसायिक प्रक्षेपणों को अंजाम देने की इसरो की क्षमताओं को साबित कर दिया है. पीएसएलवी के लिए यह लगातार 38वीं सफलता है. अब तक इसरो ने 226 उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं, जिनमें 179 उपग्रह बाहरी देशों के हैं.  कुल 23 घंटे तक चली उल्टी गिनती के पूरे होने पर ध्रुवीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी37 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर उड़ान भरी. इसरो ने कहा कि तैयारियां जल्द पूरी हो जाने पर उसने उल्टी गिनती में लगने वाले समय को घटा दिया था. अकसर यह अवधि 52 घंटे की होती है.  रॉकेट ने सबसे पहले कार्टोसैट-2 श्रेणी के 714 किलोग्राम के उपग्रह को कक्षा में प्रवेश कराया और इसके बाद शेष 103 नैनो उपग्रहों को प्रवेश कराया गया. इनमें दो अन्य उपग्रह इसरो के आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी थे. इसके अलावा 96 उपग्रह अमेरिका के थे. इस्राइल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात का एक-एक उपग्रह था.   

ये भी पढ़े : पीएसएलवी-सी37 प्रक्षेपण : राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इसरो को दी बधाई.

उपग्रहों को ध्रुवीय सौर स्थैतिक कक्षा में 30 मिनट के अंतर पर स्थापित किया गया. सफलता से उत्साहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने घोषणा की कि सभी 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में प्रवेश कराया गया. इसरो के पूरे दल को उनके द्वारा किए गए इस अद्भुत काम के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं. किरण कुमार ने कहा कि इनमें से 77 उपग्रहों ने प्रक्षेपण के बाद पृथ्वी पर स्थित स्टेशनों के साथ संवाद का काम भी शुरु कर दिया है. इसरो प्रमुख कुमार ने कहा कि इस मिशन के जरिये संगठन का उद्देश्य अपनी क्षमता को बेहतर करना था.  उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि पीएसएलवी के जरिये हम अंतरिक्ष प्रक्षेपण के बाजार के एक खास हिस्से पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए अमेरिकी कंपनियों ने इसरो से संपर्क किया है. परियोजना निदेशक बी जयकुमार ने कहा कि इसरो ग्राहकों की आशाओं पर खरा उतरा है. उन्होंने कहा कि वास्तव में यह हमारे लिए सीखने का अच्छा मौका रहा. हम लोगों ने 226 उपग्रह प्रक्षेपित किये हैं जिनमें से 179 दूसरे देशों से थे.

 

Related Articles

Back to top button
Close