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उत्तराखंड : हिमालय में डराने लगा है मौसम, बरसात ने ढाया कहर

देहरादून, 29 मई = पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम का मिजाज भयभीत करने लगा है। देहरादून समेत विभिन्न मैदानी क्षेत्रों में सुबह से ही बारिश हो रही है। वहीं, पर्वतीय क्षेत्र में फिर से बारिश के आसार बने हैं। मौसम विभाग के मुताबिक तीन दिन बारिश से भारी गुजरेंगे। वहीं, अल्मोड़ा जिले की चैखुटिया तहसील के खीड़ा क्षेत्र में बादल फटने से उफान पर आए बरसाती नालों ने खासा नुकसान पहुंचाया है। जिससे एक गोशाला ढह गई और वहां बंधे मवेशी मलबे में दब गए। एक घर की दीवार धंस गई, जबकि कई घरों के लिए खतरा पैदा हो गया है। बड़े पैमाने पर खेत मलबे से अट गए हैं तो पेयजल योजनाएं, पैदल रास्ते ध्वस्त हो गए।

बताते चलें कि तीन दिन पहले भी चैखुटिया क्षेत्र में बादल फटा था। यही नहीं, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, चमोली, पौड़ी, उत्तरकाशी जिलों में वर्षा-ओलावृष्टि का क्रम चलता रहा। यमुनोत्री राजमार्ग जरड़ा खड्ड व सारीगाड़ के पास मलबा आने से करीब डेढ़ घंटे बाधित रहा।

मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में अगले 24 घंटों में भी हल्की से मध्यम वर्षा का क्रम बना रह सकता है। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, नैनीताल व पिथौरागढ़ जनपदों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी भी जारी की गई है। खीड़ा क्षेत्र में देर रात दो घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई, जिससे नदी-नाले उफान पर आ गए। बरसाती नाले बाखली ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया। गैर बाखली में कई घरों में मलबा घुसा। यही नहीं, एक अन्य बरसाती नाले खांणी ने खेतों को रौखड़ में तब्दील कर दिया। पेयजल योजना ध्वस्त होने से गांवों में पानी का संकट गहरा गया है। पुनियाबगड़ गांव से दो गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई।

पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश, ओलावृष्टि ने काफी दिक्कतें खड़ी किए रखीं। मुनस्यारी में होकरा और कोटाखड़िक मार्ग मलबा आने से बंद हो गए। पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात की खबर है।

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चमोली में गोपेश्वर, चमोली व पीपलकोटी क्षेत्र में करीब दो घंटे तक जोरदार बारिश हुई, जबकि बद्रीनाथ धाम में बूंदा-बांदी। उत्तरकाशी में यमुनोत्री राजमार्ग डामटा व नौगांव की बीच मलबा आने से अवरुद्ध हो गया। डेढ़ घंटे बाद मलबा हटाने पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई।
मंडल मुख्यालय पौड़ी में तेज हवा के साथ झमाझम बारिश के बाद कई इलाकों की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। ओलावृष्टि से औद्यानिकी फसलों को क्षति पहुंची है। पाबौ क्षेत्र में अंधड़ से दो घरों की छत उड़ गईं और प्रभावित परिवारों को गांव के दूसरे घरों में शरण लेनी पड़ी।

अब भी देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश सहित कई स्थानों पर सुबह से बारिश हो रही है। वहीं कुमाऊं में रामगढ़ विकासखंड (नैनीताल) के हली गांव में मध्यरात्रि बादल फटा। इस दौरान खेत मलबे से पट गए। पर्यटक नगरी रानीखेत, कोसी व गगास घाटी में बादलों में तेज वर्षा के आसार बने हैं। नैनीताल के गरमपानी में हल्द्वानी अल्मोड़ा हाईवे पर डेंजर जोन पाडली व रातीघाट में भूस्खलन से गिरे बोल्डर व मलबा हटा लिया गया है। मध्यरात्रि दो जेसीबी मशीनों ने वर्षा के बीच राहत कार्य पूरा किया। हालांकि सोमवार सुबह से एनएच-87 पर यातायात सुचारू हो गया है। परंतु दोबारा तेज बारिश पर भूस्खलन का खतरा बरकरार है।

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