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एक साल तक जिलों में रहकर भाजपा का मिशन पूरा करेंगे 137 योद्धा

लखनऊ, 01 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोधी दल एक तरफ अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर मढ़ते नजर आ रहे हैं तो दूसरी ओर चुनावी जीत का सिलसिला लगातार जारी रखने के बावजूद पार्टी बेहद सधे हुए अन्दाज में मिशन 2019 की रणनीति को धार देने में जुट गयी है।

खासतौर से उसका लक्ष्य 80 लोकसभा सीटों वाला उत्तर प्रदेश है।

इस मिशन को पूरा करने के लिए उसने 137 योद्धाओं की ऐसी विशेष फौज तैयार की है, जो पूरे एक साल तक प्रदेश भर में फैले रहकर पार्टी संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाने का काम करेगी, वहीं केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं को अन्तोदय यानी समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाने में इनकी अहम भूमिका होगी। इन विस्तारकों में अधिकांश का ताल्लुक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) और भाजयुमो से रहा है।

पार्टी ने हाल ही में विधानसभा चुनाव में बेहद सक्रिय भूमिका में रहे 400 कार्यकर्ताओं में से ऐसे 137 लोग छांटे हैं, जिन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इन्हें ‘विस्तारक’ नाम दिया गया है। पार्टी सूत्र हिन्दुस्थान समाचार से कहते हैं कि भाजपा के राजनैतिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब पूर्णकालिक विस्तारकों के जरिए किसी रणनीति को धरातल पर उतारा जा रहा है। यह विस्तारक एक साल के लिए अपने घर-परिवार से पूरी तरह अलग होकर पार्टी की ओर से मिले दायित्वों को निभायेंगे। इन्हे अलग-अलग जिलों का जिम्मा सौंपा गया है। वहीं बड़े जनपदों में दो विस्तारकों को लगाया गया है।

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खास बात है कि इन विस्तारकों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें कार्यकर्ता भाव से काम करना है, न कि किसी अधिकारी के तौर पर निर्देश देने की भूमिका में वह नजर आयें। राजनैतिक विश्लेषक हिन्दुस्थान समाचार से कहते हैं कि यूं तो पार्टी का संगठन हर जिले में पहले से ही बूथ स्तर तक सक्रिय है, जिसकी बदौलत विधानसभा चुनाव में उसे प्रचण्ड बहुमत मिला, लेकिन भाजपा के रणनीतिकार जीत के नशे में चूर रहने के बजाए संगठन को और धार देने के पक्षधर हैं।

यही वजह है कि अब यह विस्तारक हर जनपद मुख्यालय, तहसील, ब्लॉक और बूथ स्तर पर पैनी नजर रखेंगे। इनका जिम्मा है कि यह देखें कि केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाएं आम जनता तक पहुंच रही हैं या नहीं। अगर नहीं पहुंच रही हैं तो यह विस्तारक इसकी सूचना प्रदेश स्तरीय नेताओं को देंगे, जिससे तत्काल इस दिशा में सुधार किया जा सके। इसके साथ ही अगर कहीं सरकार या पार्टी को लेकर असन्तोष है तो उसकी वजह और समाधान को लेकर भी यह सक्रिय नजर आयेंगे।

पार्टी ने इन विस्तारकों को कड़े प्रशिक्षण के बाद जिम्मेदारी सौंपी है। सीतापुर के नैमिषारण्य में 28 अप्रैल से शुरू हुए तीन दिवसीय प्रशिक्षण में इनकी दिनचर्या की शुरूआत सुबह साढ़े चार बजे जागरण से होती थी और रात साढ़े दस बजे यह विश्राम कर पाते थे। इस दौरान प्रतिदिन चार सत्र हुए, इनमें हमारी कार्यपद्धति, भाजपा का विस्तार, आगामी योजना और पूर्णकालिक का आचार-व्यवहार शामिल थे।

इसके अलावा ‘गटशा’ यानी विषय विशेष पर सामूहिक चर्चा भी हुई। वहीं दीनदयाल उपाध्य का जीवन एवं संकल्पना पर भी चर्चा हुई। इस दौरान इन्हें प्रतिदिन एक तय कार्यक्रम के हिसाब से कार्य करने का गुरू मंत्र दिया गया। इसके लिए हर विस्तारक डायरी में अपने प्रत्येक दिन की दिनचर्या और काम का हिसाब रखेगा। इन विस्तारकों को प्रशिक्षण देने में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय सचिव अनिल जैन, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बन्सल, प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक, प्रदेश महामंत्री पिछड़ा वर्ग अशोक कटारिया शामिल रहे। इसके अलावा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी विस्तारकों को अपने अनुभव साझा किए।

सियासी विश्लेषक हिन्दुस्थान समाचार से कहते हैं कि एक तरफ राष्ट्रीय परिदृश्य में हारे हुए दल जहां भाजपा के मुकाबले महागठबन्धन की आवाजें उठा रहे हैं, वहीं वह ईवीएम के मुद्दे पर ही उलझे हुए हैं। ऐसे में भाजपा जहां आरोपों के पलटवार की रणनीति के तहत इन्हे उलझाये हुए है, वहीं अन्दर ही अन्दर एक सधी हुई योजना के तहत अपनी ताकत और मजबूत कर रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तेवरों से साफ सन्देश दे चुके हैं कि मिशन 2019 को लेकर सरकार किसी भी तरह की कोताही बरतने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में सत्ता और संगठन का उम्दा तालमेल पार्टी को एक बार फिर विजयश्री का ताज पहना सकता है।

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