महाराष्ट्रमुंबई

किसानो की समस्या सुनने के लिए सरकार के पास नहीं है समय, विरार –भायंदर मनपा को दिए गए पानी के विरोध में 5 दिन से अनशन पर बैठे है लोग

पालघर,सं 22 मार्च : मुंबई से सटे पालघर जिला के पालघर में सूर्या प्रकल्प से 182.83 दलघमी किसानो का आरक्षित पानी मिरारोड़ –भाईंदर और विरार – वसई शहर महानगर पालिका को दिए जाने के विरोध में ‘’सुर्या पाणी बचाव संघर्ष समिती’’ के लोग पिछले 4 दिनों से अनिश्चितकाल अनशन पर बैठे हैं , लेकिन इनकी समस्या सुनने व उनकी सुधि लेने के लिए सरकार और प्रशासन के पास समय नहीं है.

पालघर कलेक्टर ऑफिस का घेराव करके बैठे स्थानिक नेता

जिससे गुस्साये शिवसेना के पालघर जिला अध्यक्ष राजेश शहा ,कांग्रेस पार्टी के पालघर जिला अध्यक्ष केदार काले ,RPI के सुरेश जाधव , शिवसेना के पूर्व जिला अध्यक्ष प्रभाकर राउल , मनसे के पूर्व जिला अध्यक्ष कुंदन संखे ,कुनबी सेना के विश्वनाथ पाटिल ,जगदीश धोड़ी, व अन्य मान्यवरो ने इस अनशन को अपना समर्थन देने के लिए पालघर जिला के अलग- अलग क्षेत्रो से बड़ी संख्या में पहुंचे लोगो को साथ लेकर गुरुवार को पालघर कलेक्टर ऑफिस का घेराव किया. इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि सरकार किसानों को लेकर कितना गंभीर है .

किसानो का कहना है की पालघर जिला में स्तिथ सूर्या प्रकल्प के अंतर्गत धामणी व कवडास डैम का निर्माण , दहानू , तलासरी , पालघर, विक्रमगढ़ इन तहसीलों में बसे किसानो के जमीन के सिचाई के लिए किया गया था . इस डैम में करीब 299 .01 दलघमी जमा होता है .जिस पानी का उपयोग पालघर जिला के किसानो की खेती के सिचाई के लिए किया जाता है . लेकिन  जल प्रधिकरण की तरफ से डैम में जमा होने वाले 299 .01दलघमी पानी में से 226.93 दलघमी पानी गैर किसानो के लिए आरक्षित कर दिया गया है .आरक्षित पानी से विरार –वसई शहर महानगर पालिका और मिरा रोड़ –भाईंदर महानगर पालिका को 182.83 दलघमी पानी देने का निर्णय सरकार ने लिया है.

पालघर कलेक्टर ऑफिस का घेराव करने पहुंचे किसान

जिसका विरोध करते हुए पालघर जिला के किसानो ने ‘’सुर्या पाणी बचाव संघर्ष समिती’’ नामक एक समिति बनाकर समिति के जितेंद्र राऊळ, ब्रायन लोबो,प्रकाश हाडळ,शिवराम काकड,बाळू डोकफोडे,महेंद्र चौधरी, अरविंद पाटील, और रमाकांत पाटील 19 मार्च से पालघर में कचेरी रोड के किनारे पांचबत्ती (हुतात्मा स्तंभ ) के पास अनिश्चितकाल अनशन पर बैठे है .अपनी मांगो को लेकर पिछले 5 दिन से अनशन पर बैठे लोगो और किसानो की बात सुनने के लिए सरकार और प्रशासन के पास समय नहीं है .जिसके कारण इन किसानो से चर्चा करने के लिए पालघर के कलेक्टर ,बिधायक व पालघर जिला के पालक मंत्री विष्णु सावरा अभी तक नहीं पहुंचे.

अनशन को अपना समर्थन देने के लिए पालघर जिला के अलग अलग क्षेत्रो से बड़ी संख्या में पहुंचे किसान

वही किसानो का कहना है कि यह पानी किसानो का है जिससे हम अपनी जमीन सीचते है लेकिन हमारे पानी को सरकार ने जो मनपा को देने का निर्णय लिया है वह दुर्भाग्य पूर्ण निर्णय है. इसका  हम विरोध करते है और यह पानी हम मनपा में नहीं जाने देंगे .अगर सरकार अपना निर्णय नहीं बदलती है तो करीब 19 हजार किसान इस पानी से वंचित हो जाएगे.साथ ही सिड्को पालघर जिला मुख्यालय का निर्माण करने जा रही हैं फिर इसके लिए सरकार कहा से पानी लाएगी . इसके पहले भी 2007 में विरार –वसई शहर महानगर पालिका इस प्रकल्प से पानी लेकर गयी है. और कई साल बीत जाने के बाद भी यह मनपा दुसरे जगह से पानी की व्यवस्था नहीं कर पाई है इनकी नजर केवल सूर्या प्रकल्प के पानी पर है .

साथ ही उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा है विरार –वसई शहर महानगर पालिका और मिरारोड़ –भाईंदर महानगर पालिका को दिए जाने वाले सूर्या नदी के पानी का निर्णय तुरंत रद्द करे .सूर्या प्रकल्प के अंतर्गत आने वाले सभी अधूरे कामो को पूरा किया जाय .पालघर जिला में स्तिथ ग्रामीण गाँवो को सूर्या का पानी तुरंत दिया जाय.

आगे पढ़े : तकनीक को शिक्षा से जोड़ें स्कूल

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