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किसान आंदोलन: भारतीय किसान संघ ने कहा, यह आंदोलन नहीं साजिश है , इन राज्यों में असर

-आरएसएस का संगठन है भारतीय किसान संघ

नई दिल्ली (ईएमएस)। आरएसस से ज़ुड़े भारतीय किसान संघ ने शुक्रवार से शुरू हुए आठ राज्यों के किसान आंदोलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। साथ ही उसने कहा है कि यह हड़ताल राजनीति से प्रेरित है, यह आंदोलन नहीं, साजिश है। बता दें कि आठ राज्यों की किसान यूनियनों ने शुक्रवार को 10 दिन की हड़ताल का एलान किया है। दूध सब्जियों की सप्लाई बंद कर दी गई है। किसान यूनियन ने यह हड़ताल मध्य प्रदेश के मंदसौर किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर बुलाई है। पिछले साल मंदसौर में पुलिस की गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो गई थी।

इन राज्यों में असर ……

हड़ताल का असर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में देखा जा रहा है। किसानों की मुख्य मांगों में कर्जमाफी, न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाना और अपनी फसलों का अधिकतम दाम शामिल है। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय सचिव मोहिनी मोहन ने बताया कि मंदसौर आंदोलन के दौरान कई मुद्दों पर समझौता किया गया था। आखिरी बार, हम मध्य प्रदेश सरकार के साथ कुछ सकारात्मक नतीजों तक पहुंचने में सफल रहे।

लेकिन योजनाबद्ध तरीके से हिंसा ने हमारे प्रयासों को खराब कर दिया। मोहिनी मोहन ने आरोप लगाया कि इस विरोध प्रदर्शन का लक्ष्य 2019 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करना है। हम इसका हिस्सा बनना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ किसानों की मांगों के साथ कोई समझौता नहीं कर रहा था। हम लोन माफ करने के हक़ में नहीं हैं। पहले भी इसका कोई खास परिणाम नहीं निकला है। हमारी मांग फायदेमंद न्यूनतम समर्थन मूल्य है। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय सचिव मोहिनी मोहन ने विरोध में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी पर भी हैरानी जताई। उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार में कोई कृषि मंत्रालय भी नहीं है। वे किसानों के विरोध प्रदर्शन में कैसे शामिल हो सकते हैं?

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