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कुम्भकर्ण के आगे ढ़ोल बजाकर निजी विद्यालयों के मनमानी फीस वृद्धि का विरोध

वाराणसी, 20 अप्रैल(हि.स.)। निजी विद्यालयों मनमानी फीस वसूली और शिक्षा के बाजारीकरण के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विरोध प्रर्दशन थम नहीं रहा है।

गुरुवार को भी सामाजिक संस्था सुबह-ए-बनारस क्लब के सदस्यों ने मैदागिन टाउनहाल स्थित भारतेन्दू पार्क में जमकर विरोध प्रदशन किया। इस दौरान संस्था के सदस्यों ने अनूठे तरीके से शासन और प्रशासन के कुंभकर्णी नीद को तोड़ने के लिए प्रतीक रूप में कुम्भकर्ण को सुलाकर उसके कान के पास ढ़ोल नगाड़ा बजाया। कार्यकर्ताओं ने प्रदेश शासन के मुखिया से निजी स्कूलो के फीस को तय करने के लिए तत्काल प्रभाव से नियमावली बनाने की मांग की। फिल्मी गीत ‘कही देर न हो जाये, तेरे जागने से पहले देर न हो जाये..’ गाकर कहा कि सभी बड़े स्कूल बढ़ा फीस वसूली कर रहे है। अभिभावक लुट रहे हैं। शहर में चार पांच सौ निजी स्कूल हैं। इसमें से 40-50 स्कूल प्रबन्धन ने आपस में बैठक कर फीस वृद्धि को सही ठहरा दिया और अपने मान्यता को लेकर भी खुद ही फैसला कर लिया।

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शासन भी मान्यता के नाम पर छोटे मोटे स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही कर रही हैं। मगर बड़े लुटेरे स्कूल पर अभी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। संस्था के सदस्यों ने बताया कि फीस वृद्धि को लेकर पूरे प्रदेश में धरना प्रर्दशन हो रहा है। सवाल उठता है कि भाजपा की केन्द्र में मोदी सरकार है तो सुबे में योगी सरकार तो फिर निजी स्कूलों की मनमानी क्यों नहीं रूक रही। प्रदर्शन कारियों ने योगी सरकार से मांग किया कि निजी स्कूलों ने जो अभिभावकों से जो बढ़ाकर वसूली की है उसे वापस करायें।

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