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केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को दी पर्याप्त धनराशि : भाजपा

नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। आंध्र प्रदेश के विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर जिम्मेदारी पूरी की गयी है। आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत जो भी राज्य को मिलना है, भाजपानीत राजग सरकार ने उसे पूरा किया है। कुछ योजनाएं कार्यान्वयन के दौर में है। यह बात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। 

जीवीएल ने कहा कि आंध्र प्रदेश को जितनी भी सहायता चाहिए थी, मोदी सरकार ने उसे पूरा किया है। ऐसे में जब राहुल गांधी आंध्र प्रदेश के साथ खड़े होने की बात कर रहे हैं तो ऐसा लग रहा है जैसे वह पाखंडपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने जितना आंध्र प्रदेश के लिए किया है किसी सरकार ने गत 70 साल में संयुक्त आंध्र प्रदेश के लिए नहीं किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में आंध्र को पर्याप्त तवज्जो नहीं दिए जाने के आरोप केवल प्रपंच मात्र है। असल में सच्चाई यह है कि नरेन्द्र मोदी सरकार आंध्र प्रदेश के पुनर्निर्माण सहित तमाम विषयों को लेकर गंभीर हैं। राज्य सरकार से उनका किसी प्रकार का मतभेद नहीं है।

जीवीएल ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि राज्य को अच्छा बनाने के लिए सोचे। प्रावधानों के तहत जो भी केंद्र सरकार के लिए जिम्मेदारी है वह पूरे किए गए हैं और आगे भी पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के अतिरिक्त आंध्र प्रदेश के लिए ऐसे बहुत काम और फंड आवंटित किए गए हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार का राज्य के प्रति संवेदनशीलता प्रकट करता है। केंद्र सरकार पहले ही आंध्र प्रदेश को करीब 4,000 करोड़ रुपये दे चुकी है और शेष राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाएगा। एक लाख करोड़ रुपए राजमार्ग में निवेश करना कोई छोटी रकम नहीं होती। 3 हजार 721 किलोमीटर के राजमार्ग केवल हमारे कार्यकाल में लागू हो रहे हैं। दूसरा, जलमार्ग के तहत भी राज्य को प्राथमिकता दी गई। पेट्रोलियम सेक्टर में 1 लाख 40 हजार करोड़ का निवेश कोई छोटे काम नहीं होते। 

आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और विशाखापट्टनम से सांसद के हरिबाबू ने कहा कि आंध्र प्रदेश को पिछड़े क्षेत्रों के लिए प्रत्येक वित्त वर्ष में 350 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाता है। इसके तहत विशेष पैकेज के रूप में पिछले तीन साल में 1050 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।

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