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आयकर छापे को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा

नई दिल्ली, 02 अगस्त : कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार पर आयकर विभाग के छापे को लेकर राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। शिवकुमार वही शख्स हैं जो बेंगलुरु के इगलटन होटल में ठहरे 40 से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों की मेजबानी कर रहे हैं। 

कांग्रेस ने सदन में आरोप लगाया कि ये छापे राजनीतिक दुश्मनी निकालने के लिए मारे गए हैं। हंगामा कर रहे सांसदों ने वेल में आकर उप सभापति पीजे कुरियन के सामने जमकर नारेबाजी की। विपक्ष ने ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ और ‘सरकारी तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाये।

राज्यसभा की कार्यवाही प्रारम्भ होते ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने यह मामला सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके राजनीतिक विरोधियों का दमन करना चलन बन गया है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि आईटी, सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बुधवार को आईटी के छापे की टाइमिंग और जगह पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिस मंत्री के यहां छापे मारे गए, वह और उनके भाई विधायकों की देखरेख का काम देख रहे थे। 

आनंद शर्मा ने कहा, ‘यह छापा टार्गेट करने का तरीका है। इस तरह से सरकार ने यह संदेश दिया है कि एक व्यक्ति जो कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहा है, उसे निशाना बनाया गया।’ 

वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त होने चाहिए। हालांकि ये तीनों चीजें नहीं हो रहीं। आजाद ने कहा कि डर का जो माहौल पश्चिम में था, अब वह दक्षिण में पहुंच चुका है। 

आजाद ने कहा, पश्चिम (गुजरात) में विधायकों के अपहरण की कोशिश की गई। अब यह खौफ और अनफेयर प्रैक्टिस दक्षिण तक विधायकों का पीछा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कहना सरासर गलत है कि कार्रवाई पार्टी पर नहीं, बल्कि एक शख्स पर की गई है। 
आजाद ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर अवैध पैसे बांटने को लेकर सरकार को कार्रवाई करनी ही है तो उसे अपने नेताओं पर छापे मारने चाहिए। उन्होंने आनंद शर्मा के उन आरोपों को दोहराया, जिसके मुताबिक मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके राजनीतिक विरोधियों को डरा रही है। 

इस पर सदन में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार की ओर से सफाई दी। उन्होंने कहा कि न तो रिजॉर्ट पर छापा मारा गया और न ही वहां ठहरे किसी भी एक विधायक की तलाशी ली गई। जेटली ने कहा, कुल 39 जगहों पर छापे मारे गए हैं। इसके अलावा, अगर कोई शख्स कांग्रेसी विधायकों की मेजबानी में लगा है तो उसे अपने घर में अवैध पैसे रखने का लाइसेंस नहीं मिल जाता। 

आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार के यहां करोड़ों की संपत्ति मिली है। हालांकि, कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तौर पर ही देख रही है। 

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