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कोरोना को हराना है तो सभी वार्ड करे भांडुप मॉडल को फ़ॉलो, डॉक्टर ने व्हाट्सएप पर बनाया होम इसोलेशन ग्रुप

मुंबई. कोरोना को हराना है तो मनपा के सभी वार्ड को भांडुप मॉडल को फॉलो करना चाहिए. यहां के हेल्थ पोस्ट के डॉक्टर ने होम इसोलेशन में रह रहे पॉजिटिव मरीजों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है. इस ग्रुप के जरिए डॉक्टर दिन में 3 बार उनका हेल्थ अपडेट मंगाते हैं और उसी हिसाब से उन्हें कैसे रहना है, क्या करना है और क्या नहीं इसको लेकर निरंतर गाइड कर रहे हैं.

होम इसोलेशन में रहने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों की शिकायत यह रहती है कि उन्हें फॉलो अप के लिए केवल कॉल आते हैं. उनके सवालों और दुविधाओं का निवारण नहीं होता. कई बार लोग घबरा कर बेड्स की आवश्यकता न होने पर भी अस्पतालों में एडमिट होने की डिमांड करते हैं. इसी के मद्देनजर भांडुप के एक मैटरनिटी हेल्थ पोस्ट को संभाल रहे डॉ. नितिन महाजन ने होम इसोलेशन रह रहे मरीजों के हेल्थ सर्विलांस, इलाज और आगे के उपचार के लिए एक स्ट्रेटेजी बनाई है. डॉ. नितिन ने बताया कि पिछले महीने मैंने व्हाट्सएप पर एक ग्रुप बनाया मेरे क्षेत्र के अधीन आनेवाले सभी कोरोना मरीज जो होम इसोलेशन में हैं उन्हें ग्रुप में एड किया. फिर हमें एक चार्ट बनाया जिसमें मरीजों को अपना शरीर का तापमान, ऑक्सीजन लेवल, प्लस रेट व अन्य स्वास्थ्य समस्या का ब्युरा सुबह 7 बजे, दोपहर 2 बजे और रात को 9 बजे व्हाट्सएप ग्रुप पर अपलोड करना होता है. हेल्थ अपडेट करते ही हम यह देखते हैं कि किन मरीजों को एडमिट होने की जरूरत है और किसको नहीं.

कितनी सफल है स्ट्रेटेजी

अप्रैल में बनाए गए व्हाट्सएप के बाद से 341 लोग जांच में पॉजिटिव मिले हैं. इसमें से 212 (62.17%) लोगों के स्वास्थ्य जांच के आधार पर उन्हें होम आइसोलेशन की सलाह दी गई. अच्छी बात यह हैकि अबतक 135 (63.68%) लोग डॉक्टरों निगरानी में घर पर ही ठीक हो गए. 77 लोग अब भी होम आइसोलेशन में है. अबतक कुल 14 लोगों को ही उनके हेल्थ पैरामीटर को देखने के बाद अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जिसमें से 10 लोग ठीक हो कर घर पर भी लौट आए हैं.

एक भी मौत नहीं

हमें इस बात की खुशी है हमारे अंडर जितने भी मरीज होम आइसोलेशन में थे उसमें से किसी की मौत नहीं हुई है, क्योंकि हम व्हाट्सएप के जरिए उनसे निरंतर संपर्क में हैं. यदि किसी के हेल्थ पैरामीटर जरा भी डाउन होता है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जिम्मा भी हमारा ही होता है. उन्हें बेड्स के लिए कहीं भटकने की जरूरत नहीं.

इलाज और कॉउंसिलिंग दोनों

अक्सर लोग घर में रहकर कोरोना से ठीक होने के लिए अजीबो गरीब नुस्खे अपनाते और फिर उनकी तबियत इतनी खराब हो जाती की उनका ट्रीटमेंट भी डॉक्टरों के लिए चुनौती बन जाती है. इसी के मद्देनजर हमने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है जिस पर मरीज के मन यदि कोई सवाल या कोई दुविधा है तो उसका भी निवारण हमारे डॉक्टरों द्वारा किया जाता है. इसी के साथ हम मरीजों को कॉल कर उनकी कॉउंसिलिंग भी करते हैं ताकि उनका मनोबल बना रहे और उन्हें यह न लगे कि उनपर किसी का ध्यान नहीं है.

डॉ. नितिन महाजन
अस्सिटेंट मेडिकल ऑफिसर, सावित्री फुले मैटर्निटी हेल्थ पोस्ट (भांडुप)

मुंबईकरों के फीड बैक

कोरोना से ठीक हुए स्वेता भारद्वाज ने बताया कि मैं डॉक्टर नितिन और उनकी टीम का ध्यानवाद करती हूं. पॉजिटिव आने के बाद मेरे परिवार को जिस प्रकार का समर्थन और उपचार मिला उसकी बदौलत आज हम सब ठीक हो गए हैं. एक मरीज ने बताया कि डेली मोनेटरिंग, फ़ोन कॉल और डॉ. महाजन के वीडियो से काफी मदद मिली. मनपा के ट्रीटमेंट को लेकर जो दिमाग में जो निगेटिव छवि बनी थी अब वह दूर हो गई है.

बेड्स मैनेजमेंट में मिली मदद

मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद बेड्स अस्पताल में मैनेजमेंट बड़ी चुनौती थी. हम उन लोगों को ही अस्पताल में भेजना चाहते थे जिन्हें उसकी जरूरत है, लेकिन होम आइसोलेशन की मोनेटरिंग ठीक से नहीं हुई तो दिक्कत और भी बढ़ सकती है. इसलिए हमने व्हाट्सएप के माध्यम से मरीज और डॉक्टरों के बीच दूरी को कम किया और इसका रिजल्ट देखने को मिल रहा है. फिलहाल हम इस स्ट्रेटजी पूरे वार्ड में फॉलो करने का प्रयास कर रहे हैं.

डॉ. विलास मोहोकर
मेडिकल ऑफिसर हेल्थ, एस वार्ड

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