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क्या राज्यसभा में उत्तरप्रदेश से आयेंगे जेटली !

नई दिल्ली, 06 मार्च : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उ.प्र. के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। यदि वित्तमंत्री अरूण जेटली भी इस बार गुजरात के बजाय उ.प्र. से राज्यसभा सांसद हो जाते हैं ,तो राज्य (उ.प्र. ) को देश का माडल स्टेट बनाना आसान हो जायेगा। अभी तक तो गुजरात माडल का गुणगान किया जाता है|

मोदी राज में हुए उसके विकास की नजीर देकर वोट मांगा जाता है। यदि उ.प्र. उससे भी बेहतर माडल स्टेट हो जाये तब तो मोदी के विकास की क्षमता का विश्व में डंका बजने लगेगा। उ.प्र. विश्व के बहुत से देशों से क्षेत्रफल व जनसंख्या में बड़ा है। देश में भी सबसे अधिक जनसंख्या व सांसदों वाला राज्य है। गुजरात की जनसंख्या 6 करोड़ 76 लाख है, जबकि उ.प्र. की जनसंख्या 22 करोड़ 28 लाख है। गुजरात में लोकसभा की सीटें 26 व राज्यसभा की 11 हैं। उ.प्र. से लोकसभा की सीटें 80 व राज्यसभा की 31 सीटें हैं। गुजरात का क्षेत्रफल है 1,96,024 वर्ग कि.मी.( जिसमें रेगिस्तान व समुद्र का किनारा भी है)| उ.प्र. का क्षेत्रफल 2,43,286 वर्ग कि.मी. है। उ.प्र. विश्व के सबसे अधिक सिंचित व उपजाऊ क्षेत्रों में से एक है। राम,कृष्ण और शिव की नगरी यहीं है। काशी , मथुरा , अयोध्या यहीं है। गंगा ,यमुना ,सरजू यहीं है। ऐसी स्थिति में यदि उ.प्र. विकास का माडल बनता है तो मोदी के विकास की दुंदुभि और भी तेज बजने, दूर तक पहुंचने लगेगी।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रबंध संस्थान के डीन रहे प्रो. छोटे लाल का कहना है कि फिलहाल तो प्रधानमंत्री उ.प्र. के वाराणसी से लोकसभा सदस्य हैं तो उ.प्र. के विकास की गति तेज हुई है। यदि वित्तमंत्री अरूण जेटली भी उ.प्र. से सांसद ( राज्यसभा ) हो गये तब तो राज्य के विकास की गति का पहिया और भी तेजी से घुमने लगेगा। यह हुआ तो उ.प्र. की सत्ता पर भाजपा के लंबे समय तक राज करने का मार्ग प्रशस्त हो ही जायेगा , लोकसभा की सीटों पर भी पकड़ बनी रहेगी। जिसका असर हिन्दी पट्टी के अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। इसके चलते राज्य से लेकर केन्द्र तक बहुत से राजनीतिक व आर्थिक समीकरण सधेंगे। (हि.स.)। 

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