Home Sliderखबरेपश्चिम बंगालराज्य

झारखंड के बैराज को सफेद-नीला रंग में रंगने पहुंच गई थी ममता सरकार, बैरंग वापस भेजा

कोलकाता, 04 अगस्त (हि.स.) । पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार दामोदर घाटी परियोजना के अंतर्गत झारखंड सीमा पर बने मैसेंजर बैराज को सफेद-नीला रंग में रंगने को लेकर राज्य सरकार से उलझ पड़ी है। शुक्रवार को राज्य सिंचाई विभाग की ओर से मजदूरों को इस बैराज को रंगने के लिए लगाया गया था।

जैसे ही वहां के लोगों ने देखा कि मजदूरों ने बैराज का रंग सफेद और नीले रंग में रंगना शुरू किया है, इसकी सूचना तुरंत झारखंड प्रशासन के अधिकारियों को दी गई एवं मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल सरकार के मजदूरों को काम करने से रोक दिया और बैराज से वापस भेज दिया। इसे लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने तीखी नाराजगी जताई है। राज्य के सिंचाई मंत्री सोमेन महापात्र ने शनिवार को कहा कि भाजपा सरकार हर जगह बाहुबल के जरिए लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। 

सोमेन ने दावा किया कि मैसेंजर डैम की देखरेख की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल सरकार की है इसलिए इस वित्त वर्ष में इसके विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 1.30 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसी के लिए राज्य सिंचाई विभाग के मजदूर डैम को सफेद नीला रंग में रंग रहे थे, लेकिन झारखंड सरकार के अधिकारियों ने ना केवल उन्हें वहां से भगाया बल्कि पश्चिम बंगाल सरकार का विश्व बांग्ला का लोगो और पश्चिम बंगाल में स्वागत का बोर्ड भी उखाड़ फेंका और झारखंड सरकार का बोर्ड लगा दिया है।

इसे लेकर प्रदेश भाजपा के सचिव सायंतन बसु ने कहा कि ममता बनर्जी अपने दिमागी फितूर को दूसरे राज्यों पर थोपना चाहती हैं। ममता बंगाल में जिस तरह के कार्य करती हैं वह दूसरे राज्यों में नहीं चलेगा इसलिए वहां की सरकार ने इन्हें आइना दिखाया है। 

Related Articles

Back to top button
Close