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ट्रेन हाईजैक मामले में आठ लोगों को मिली उम्रकैद की सजा

दुर्ग (ईएमएस)। देश के संभवत: पहले ट्रेन हाईजैक कांड में अदालत ने आठ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें पांच बिहार के कुख्यात अपराधी हैं। पांच साल पुराने इस मामले में फैसला सुनाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश मंसूर अहमद ने कहा है कि यह एक गंभीर अपराध है। अभियुक्तों ने जिस तरह ट्रेन को हाइजैक किया, उससे ट्रेन के यात्रियों की मृत्यु भी हो सकती थी। घटना छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कुम्हारी थाना क्षेत्र के कैवल्याम के निकट छह फरवरी 2013 की शाम की है। दुर्ग-रायगढ़ जनशताब्दी एक्सप्रेस में पुलिस अभिरक्षा में सफर कर रहे कुख्यात अपराधी उपेन्द्र सिंह उर्फ कबरा को छुड़ाने के लिए उसके साथियों ने ट्रेन को हाईजेक कर लिया था। कबरा जयचंद वैद्य अपहरणकांड में बिलासपुर की केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। दुर्ग में पेशी के बाद पुलिस टीम उसे लेकर बिलासपुर लौट रही थी।

इस दौरान ट्रेन में सवार आरोपितों ने पहले ट्रेन को पुरानी भिलाई के पास चेन खींच कर रोका और इंजन पर चढ़ गए। आरोपियों ने उपेन्द्र सिंह उर्फ कबरा को छुड़ाने के लिए लोको पायलट की कनपटी पर रिवाल्वर व कट्टा रखकर ट्रेन को कैवल्याम के पास रुकवाया। दूसरी ओर उनके कुछ साथी ट्रेन के डिब्बे में पुलिस कर्मियों की आंख में मिर्च पाउडर डालकर उपेन्द्र सिंह को ट्रेन से उतारकर ले गए। इसके बाद उन्होंने एक कार छीनी और उसमें बैठकर भाग गए। बाद में पुलिस ने सभी को पकड़ लिया।

मामले में 11 लोगों को अभियुक्त बनाया गया। इनमें से दो अब भी फरार हैं, जिनके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है, उसमें उपेन्द्र सिंह उर्फ कबरा, उसका पुत्र प्रीतम सिंह उर्फ राजेश, शंकर साव, अनिल सिंह, राजकुमार कश्यप, पिंकू उर्फ व‌र्स्ण सिंह, सुरेश उर्फ पप्पू उर्फ बिल्लू, उपेन्द्र उर्फ छोटू, सूरज सिंह, राहुल सिंह शामिल हैं। इसमें शंकर साव, बिल्लू और पिंकू सिंह भिलाई के रहने वाले है। उपेन्द्र सिंह सहित चार अन्य लोग बिहार के हैं।

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