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डॉक्टरों ने मरीज की कटी टांग को तकिया बनाकर लगाया मरीज के सिर के नीचे, तीन डॉक्टर सहित पांच निलम्बित

झांसी ( ईएमएस) : वीरांगना लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में घायल के कटे हुए पैर को सिरहाने लगाने के मामले में उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के निर्देश पर प्राचार्य डॉ. साधना कौशिक ने घटना के समय ड्यूटी पर मौजूद सीनियर रेजीडेंट आर्थोपेडिक्स डॉ. आलोक अग्रवाल, ईएमओ डॉ. महेन्द्र पाल सिंह, सिस्टर इंचार्ज दीपा नारंग, शशि श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।

दो दिनों में कमेटी देगी पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 

इसके साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रवीण सरावगी को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश दिये गये हैं। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। इसमें सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव सिन्हा, प्लास्टिक विभाग के डॉ. सुधीर कुमार, आर्थोपेडिक्स विभागाध्यक्ष डॉ. सौरभ अग्रवाल, न्यूरो सर्जन डॉ. दिनेश कुमार को शामिल किया गया है। जो पूरे मामले की जांच कर दो दिनों अपनी रिपोर्ट देगी।

इस प्रकरण में जांच कमेटी के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने बताया कि जहां पीडि़त घनश्याम स्ट्रेचर पर लेटा था वह सीसी टीवी की रेंज में नहीं है। इसलिए जांच में तथ्यात्मक रूप से कोई सबूत नहीं मिल पाया। उन्होंने दावा किया कि मौके पर मौजूद सभी लोगों से बातचीत कर इस जांच को पूरा किया जाएगा। उन्होंने आश्चर्य प्रगट किया कि मेरे मेडिकल कैरियर में आज तक ऐसा नहीं हुआ कि कोई चिकित्सा सेवा से जुडा व्यक्ति इस प्रकार के अमानवीय कृत्य को अंजाम दे।

उन्होंने संभावना जताई कि पीडि़त के परिजनों ने ही जरूरत पर उसके सिरहाने तकिया की जगह घायल का कटा पैर लगा दिया हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच होगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि पीडि़त एक नर्सिंगहोम में भर्ती है और वहां उससे व परिजनों से जानकारी की गयी पर वह भी कटे पैर को तकिया की तरह इस्तेमाल करने केबारे में सही जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। मरीज नि:शुल्क उपचार व दवाएं भी लेना नहीं चाहता, उसका कहना है कि वह नर्सिंग होम में उपचार कराने में सक्षम है।

सीसीटीवी खराब, फुटेज निकले ही नहीं

मेडिकल कॉलेज में आए दिन होने वाले बवालों में आरोप-प्रत्यारोप से बचने और वास्तविकता को रिकार्ड करने के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन द्वारा सीसी टीवी कैमरे लगाए गए थे, किन्तु लगभग सात माह से वह खराब हैं पर उनकी मरम्मत नहीं करायी गयी। यह तब उजागर हुआ जब मेडिकल कॉलेज में घायल के सिरहाने तकिए के स्थान पर उसका कटा हुआ पैर लगाने की घटना पर हंगामा मचा और इस कृत्य के तथ्यात्मक सबूतों की आवश्यकता पड़ी। इसमें भी साजिश की बू आ रही है। सीएमएस डॉ. हरिश्चंद्र आर्य ने कहा कि काफी समय से सीसीटीवी कैमरे खराब हैं। जिस स्थान पर घायल का स्ट्रेचर था, वह भी सीसी टीवी कैमरे की रेंज से कवर नहीं हो रहा था।

क्या है मामला …

यूपी के झांसी में डॉक्टरों की संवेदनहीनता का एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां स्कूल बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मेडिकल कॉलेज पहुंचे घायल क्लीनर की टांग को काटकर डॉक्टरों ने तकिया बनाकर उसके ही सिर के नीचे लगा दिया। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद शासन ने घटना को गंभीरता से लिया और दो सीनियर डॉक्टरों व नर्सों समेत चार चिकित्सा अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही मामले में जांच कमेटी गठित कर कार्रवाई शुरू की गई है।

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मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को इटायल से मऊरानीपुर जा रही स्कूली बस शनिवार ट्रैक्टर को बचाने के चक्कर में पलट गई। बस जैसे ही बम्होरी व तिलेरा के बीच पहुंची, तभी सामने से आ रहे ट्रैक्टर को देख बस का चालक संतुलन खो बैठा। बस पटलने पर बच्चों में चीख पुकार मच गई। यह देख राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी और गांव वालों की मदद से बस में फंसे आधा दर्जन बच्चों को बाहर निकाला गया। हादसे में 11वीं की छात्रा मालती (17) निवासी लरोनी, भागवत राजपूत (18) निवासी इटायल और बस का क्लीनर घनश्याम निवासी इटायल गंभीर  रूप से घायल हो गए। सभी को पास के सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने क्लीनर घनश्याम की हालत बिगड़ते देख उसे महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में घायल की बेकदरी की गई।

वहां डॉक्टर ने जख्मी पैर को ऑपरेशन कर काट दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने तकिया की जगह मरीज के सिरहाने पर उसी का कटा हुआ पैर रख दिया। यह देख मरीजों के साथ उनके तीमारदार भी हैरत में पड़ गए। सोशल मीडिया में यह फोटो वायरल होते ही मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. हरीश चन्द्र आर्य ने आनन-फानन जांच के आदेश दिए हैं।

 सरकार मरीज को देगी 2 लाख रुपये ….

वहीं सड़क हादसे में घायल मरीज का अस्पताल के स्टाफ द्वारा पैर काटकर सिर के नीचे रख देने की घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित को दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही सीएम ने मुख्य चिकित्सा सचिव से एक दिन में घटना की रिपोर्ट देने को कहा है।  

 

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