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तकनीक को शिक्षा से जोड़ें स्कूल

आई टी और कम्पयूटर के इस युग में तकनीक की अहम भूमिका हो गयी है। वहीं अगर एक शिक्षक छात्रों को उसी अंदाज में सिखा रहा है, जैसा कि उसने एक या दो दशक पहले सीखा था, तो यह बच्चों के भविष्य से खेलने जैसी बात होगी। इसलिए सभी निजी स्कूलों के साथ ही सरकारी स्कूलों को भी तकनीक अपनाते हुए उसे शिक्षा के साथ जोड़ना बेहद जरुरी है। शिक्षाविदों का मानना है कि जब शिक्षा तकनीक आधारित होती है, तो शिक्षा के मायने बदलने लगते हैं। इससे छात्रों को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिलता है। वे चीजों को बेहतर तरीके से कम समय में सीख पाते हैं। वहीं, शिक्षकों को भी इसका लाभ मिलता है।

स्मार्ट क्लास से कम होता है बस्ते का बोझ

इन बदलावों पर शिक्षाविदों का कहना कि स्मार्ट क्लास एक बेहतर कॉन्सेप्ट है। इसमें बच्चों को बोझ मुक्त शिक्षा मिलती है। इसमें डिजिटल लर्निंग को अहमियत दी जाती है और बच्चों को भारी स्कूल बैग से छुटकारा मिलता है। हम छात्रों को स्मार्ट क्लास के जरिए ही पढ़ाना चाहते हैं, ताकि वे कम समय में ज्यादा से ज्यादा चीजें सीख सकें।

शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नॉलजी की भूमिका दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।यही नहीं, जब नए सिलेबस तैयार किए जाते हैं, तो इस बात का ख्याल रखा जाता है कि इन स्टूडेंट्स का सामना पूरी दुनिया से होना है। आज इन्हें तकनीक आधारित शिक्षा दी जाएगी, तो इसका फायदा भविष्य में मिल सकेगा।

प्लास्टिक टेक्नोलॉजी में हैं आसीम संभावनाएं

पुराने समय की बात करें, तो शिक्षा सीमित लोगों तक ही पहुंच सकती थी। उस दौर में सुविधाएं भी सीमित ही थीं। बच्चे शिक्षक की क्लास और उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए नोट्स पर ही निर्भर रहते थे लेकिन आज तस्वीर बदल गई है। इंटरनेट ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। आज एक क्लिक से किसी भी विषय के बारे में विस्तार से जानकारी मिल जाती है। यही नहीं, आज स्टूडेंट्स को ऑनलाइन लाइब्रेरी मिलती है। स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज, ई पोडियम, लैपटॉप और ग्राफिक्स टेबल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। तकनीक ने शिक्षा के स्तर को सुधारने में अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है कि टू टीयर और थ्री टीयर वाले शहरों में भी इसकी मदद से छात्रों को अच्छी शिक्षा मिलने लगी है।

वर्तमान में मोबाइल और विडियो अधारित शिक्षा भी सर्व सुलभ हो गयी हैं। छात्रों के लिए ये मददगार साबित हो रहे हैं। डिजिटल डिवास के माध्यम से स्मार्ट क्लास को साकार किया जा सका है। स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। अध्यान के दौरान कोई परेशानी हो रही हो, तो घर बैठे-बैठे ही चीजों को समझा जा सकता है। किसी भी समस्या का हल एक क्लिक की दूरी रह गया है। खास बात यह भी है कि किसी भी टॉपिक को आप तब तक देख पाते हैं,जब तक कि चीजें आपको पूरी तरह से समझ में नहीं आ जाती है।

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