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तमिलनाडु की राजनीति में उथल-पुथल : AIADMK के 18 विधायकों को अयोग्य करार करने का फैसला बरकरार

नई दिल्ली. तमिलनाडु की राजनीति में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले में उथल-पुथल मचा दी है। हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर द्वारा एआइएडीएमके के 18 विधायकों को अयोग्य करार करने के फैसले को बरकरार रखा है। जस्टिस सत्यनारायण ने फैसला सुनाते हुए सभी 18 विधायकों को अयोग्यता को बरकरार रखा है। 

कोर्ट के फैसले पर बोले

कोर्ट के फैसले पर टीटीवी दिनाकरन ने कहा कि अब 18 विधायकों को फैसला करना है कि वो क्या करना चाहते हैं, मैंने उनके साथ जबरदस्ती नहीं है। मैं विधायकों से जाकर मिलूंगा। उन्होंने कहा कि अब यह 18 विधायकों पर निर्भर करता है कि वे चुनाव में जाना चाहते हैं या नहीं। कोर्ट का फैसला एक बात है, जनता का फैसला दूसरी बात। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए कानूनी रास्ते बंद नहीं हुए हैं, कई बार अदालतों ने विरोधाभासी फैसले लिए हैं।’ साथ ही उन्होंने उम्मीद के साथ यह भी कहा कि हो सकता है सुप्रीम कोर्ट इस फैसले को पलट दे।

कोर्ट के फैसले पर स्पीकर ने जताई खुशी

इस बीच तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष पीवी जयरामन ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने 18 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को धर्म की जीत बताया। उन्होंने कहा कि धोखेबाजों को झटका लगा है।

बता दें कि टीटीवी दिनाकरन के प्रति विश्वास प्रकट करने वाले एआइएडीएमके के 18 विधायकों को को अयोग्य ठहराने के मामले को मद्रास हाईकोर्ट को चुनौती दी गई थी, लेकिन 14 जून को मामले पर पहली बेंच के फैसले में विरोधभास देखने को मिला था। जिस कारण सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे जज जस्टिस सत्यनारायण को नियुक्त किया था।

क्या है मामला 

तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष धनपाल ने एआइएडीएमके के 18 विधायकों को पिछले साल सितंबर में अयोग्य घोषित कर दिया था। अध्यक्ष की कार्रवाई के खिलाफ अयोग्य विधायकों ने सितंबर, 2017 में मामला दाखिल किया था। इसके बाद यह मामला मद्रास हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

मामले में अबतक क्या हुआ

दरअसल, 18 विधायकों ने अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान मद्रास हाईकोर्ट भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया। 14 जून को दो जजों की सदस्यता वाली पीठ ने अलग-अलग निर्णय सुनाया। एक तरफ चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधायकों की अयोग्यता के फैसले को बरकरार रखा था, वहीं जस्टिस एम सुंदर ने अयोग्यता के फैसले को रद करने का निर्णय लिया। क्योंकि दो सदस्यीय पीठ ने अलग-अलद फैसला सुनाया, इसलिए मामले को तीन जजों की पीठ को स्थानान्तरित कर दिया गया। इसके बाद 27 जून को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस सत्यनारायण को मामले का तीसरा जज बनाया। अब तीसरे जज ने भी 18 विधायकों को अयोग्यता को बरकरार रखा है। 

जानिए क्या है इस वक्त विधानसभा की स्थिति

तमिलनाडु विधानसभा की कुल सीट : 232

बहुमत का आंकड़ा : 170

किसके पास कितनी सीटें?

एआइएडीएमके : 110

डीएमके : 88

कांग्रेस : 08

दिनाकरण के साथ विधायक : 05

अयोग्य विधायक : 18

स्पीकर : 01

निर्दलीय : 01

मुस्लिम लीग : 01

अयोग्य करार विधायकों की लिस्ट

थंगा तमिल सेलवन

आर मुरुगन

मारियुप कन्नेडी

के काथीरकमू

सी जयंती पद्मनाभन

पी पलनिअप्पन

वी सेंथिल बालाजी

सी मुथैया

पी वेत्रिवेल

एन जी पार्थीबन

एम कोठांदपानी

टीए एलुमलै

एम रंगासामी

आर थंगादुराई

आर बालासुब्रमणी

एसजी सुब्रमण्यम

आर सुंदरराज

के उमा महेरी

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