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दूध नष्ट करने की बजाय जरुरतमंद को दें: शरद पवार

मुंबई, 02 जून – राज्य में किसानों के ऐतिहासिक आंदोलन के लिए राज्य सरकार की वर्तमान नीतियां ही जिम्मेदार हैं। आंदोलन कर रहे किसानों को कृषि उत्पाद और दूध नष्ट करने की बजाय इसे गरीबों व जरुरतमंदों को दान कर देना चाहिए जिससे ग्रामीण एकता और मजबूत हो सके। इस तरह की अपील राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए किया है।

शरद पवार ने कहा है कि राज्य सरकार की नीतियां ही किसानों के आंदोलन करने के लिए जिम्मेदार हैं। एक तरफ उत्तरप्रदेश में आसीन योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार ने किसानों को तत्काल कर्जमाफी दी है लेकिन महाराष्ट्र में आसीन भाजपा सरकार ने यह न्याय राज्य के किसानों को नहीं दिया है। किसानों को समाप्त करने की नीति राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है इसलिए किसानों को राज्य में ऐतिहासिक आंदोलन करना पड़ा है।

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शरद पवार ने कहा है कि चुनाव से पहले भाजपा ने किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करने का आश्वासन दिया था। लेकिन चुनाव के बाद सत्ता में आने पर उस आश्वासन को सरकार भूल गई है। शरद पवार ने सरकार से स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने व किसानों की अन्य सभी मांगों को तत्काल लागू करने की मांग की है। शरद पवार ने कहा कि राज्य सरकार अल्पकर्ज धारक किसानों का कर्ज माफ करने की यह नई चाल किसानों में फूट डालने के लिए कर रही है लेकिन किसानों को अपनी एकता अबाधित रखना जरुरी है।

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