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नाटो की प्रासंगिकता में कोई कमी नहीं : ट्रंप

वाशिंगटन, 13 अप्रैल (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाटो के प्रति अपना नजरिया बदलते हुए कहा है कि इसकी प्रासंगिकता ख़त्म नहीं हुई है। इससे पहले नाटो को लेकर ट्रंप के रवैये ने उनके पश्चिमी सहयोगियों को चिंता में डाल दिया था।

बीबीसी के अनुसार, नाटो के महासचिव जेंस स्टॉल्टेनबर्ग का व्हाइट हाउस में स्वागत करते हुए ट्रंप ने कहा कि चरमपंथ के ख़तरों ने नाटो के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि नाटो को अफ़ग़ान और इराक़ी सहयोगियों की मदद के लिए और अधिक काम करना चाहिए।

विदित हो कि ट्रंप नाटो पर लगातार सवाल उठाते रहे थे। उनका कहना था कि अमरीका नाटो का सबसे ज़्यादा ख़र्च उठाता है। लेकिन बुधवार को नाटो पर उनका यू-टर्न उनकी नीति में अकेला बदलाव नहीं है। इससे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा था कि वह चीन को मुद्रा में हेरफेर के लिए चिन्हित नहीं करेंगे। वैसे ट्रंप ने पहले कई बार कहा था कि वह राष्ट्रपति कार्यालय में अपने पहले दिन ही ऐसा कर देंगे।

स्टॉल्टेनबर्ग के साथ यहां बुध्कवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने कहा, “महासचिव और मेरे बीच इस बात पर व्यापक चर्चा हुई है कि चरमपंथ को रोकने के लिए नाटो और क्या कर सकता है।”

ट्रंप ने कहा, “मैंने कहा था कि नाटो अप्रासंगिक हो गया है। अब ये अप्रासंगिक नहीं है।”

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने नाटो के सहयोगी देशों को और अधिक ख़र्च उठाने की बात एक बार फिर कही। ट्रंप ने कह,“यदि अन्य देश अमरीका पर निर्भर रहने के बजाए अपने हिस्से का जायज़ ख़र्चा उठाएंगे तो हम और अधिक सुरक्षित हो जाएंगे।”

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