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महाराष्ट्र : छगन भुजबल के बाद अब सिंचन घोटाले में NCP नेता अजीत पवार पर शिकंजा कसेगा प्रवर्तन निदेशालय.(ED)

मुंबई, 04 जून :  छगन भुजबल के बाद अब महाराष्ट्र राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री व कद्दावर राकांपा नेता अजीत पवार की सिंचन घोटाले में शामिल होने संबंधी जांच का शिकंजा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कसते हुए एसीबी से इस मामले में जांच रिपोर्ट व संबंधित कागजपत्र मंगवाया है। इससे कयास लगाया जा रहा है कि ईडी इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ पूर्व सिंचन मंत्री व राकांपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे की जल्द जांच करने वाली है।

सिंचन विभाग में 70 हजार करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप आप पार्टी की नेता अंजली दमानिया ने लगाया था, जिससे उस समय अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस मुद्दे को उस समय विपक्ष में रही भाजपा ने जोरदार तरीके से उठाया था। इसके बाद राज्य में 2014 में सत्ता परिवर्तन होने के बाद सत्ता में आई भाजपा ने इस मामले की जांच एसीबी के मार्फत शुरु करवाया था और 2015 में अजीत पवार व सुनील तटकरे की सिंचन घोटाले में जांच की गई थी। इस मामले में उस समय निचले स्तर पर कई अधिकारियों से भी पूछताछ की गई थी।

सिंचन घोटाले में अजीत पवार से संबंधित कंपनी द्वारा विदेश में पैसा भेजे जाने का भी पता चला है ,लेकिन विदेश में पैसा भेजे जाने की जांच एसीबी के दायरे में नहीं आती है , इसलिए उस समय एसीबी इस मामले की पूरी जांच नहीं कर सकी थी। इसी प्रकार अजीत पवार की कंपनी द्वारा एक करोड़ रुपए का काम 10 करोड़ रुपए में करवाए जाने का भी पता चला है। मिली जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच के लिए ईडी ने एसीबी से इन सबके कागज पत्र मंगवाए हैं, जिससे अजीत पवार व सुनील तटकरे की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही है। हालांकि की इसके पहले एनसीपी के नेता छगन भुजबल पर ED शिकंजा कस चुकी है और भुजबल कई सालो से जेल की हवा खा रहे है (हिं.स.)।

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