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नामांकन कराने वाले प्रत्याशियों में ऊहापोह की स्थिति

Uttar Pradesh. इलाहाबाद, 15 फरवरी = उत्तर प्रदेश के चुनाव में भले ही गठबंधन करने वाली पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह देकर नामांकन करा दिया लेकिन जिन प्रत्याशियों ने चुनाव चिन्ह लेकर नामांकन करा लिया है, उन्हें बैठना रास नहीं आ रहा।

विधानसभा चुनाव में गठबन्धन करने वाली राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी उन प्रत्याशियों से पल्ला झाड़ने को कह तो रहे हैं लेकिन कहीं ऐसा दिखाई नहीं देता। सभी प्रत्याशी जोर-शोर से अपने-अपने चुनाव प्रचार में जुटे नजर आ रहे हैं। वह भी इसलिए कि उनका नामांकन हो गया है और चुनाव चिन्ह भी मिल गया है। ऐसी स्थिति में पार्टी के पदाधिकारी ऊपर से तो कहते हैं, लेकिन अंदरखाने क्या चल रहा है, यह वही जाने। अभी भले ही सपा-कांग्रेस गठबंधन कर जीत हासिल करने की बात कर रहा है, लेकिन दोनों पार्टियों के प्रत्याशी सीट की मारामारी में फंसे हुए हैं। इलाहाबाद के बारह विधान सभाओं में तीन सीटांे पर पेंच फंसा हुआ है। गठबंधन को लेकर भले ही सहमति बन चुकी है, लेकिन पार्टी के प्रत्याशियों को यह सहमति रास नहीं आ रही है।

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बता दें कि मंगलवार को सपा के अधिकृत पदाधिकारी एस.आर.एन यादव ने कोरांव से रामदेव कोल एवं बारा से अजय कुमार का नाम वापस लेने तथा कांग्रेस के अधिकृत पदाधिकारी राजीव शुक्ला ने सोरांव से जवाहर लाल का नाम वापस लेने का निर्देश जिलाध्यक्षों को सौंपा है।

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