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नृत्यांगना पर रुपये लुटाना विकृत परंपरा: उद्धव ठाकरे

मुंबई, 11 नवम्बर (हि.स.)। नोटबंदी के बाद फर्जी नोटों के कारखानों को बंद करने का सरकार का दावा बेस्ट के सांस्कृतिक समारोह में महज दावा ही साबित हुआ। कार्यक्रम के दौरान नृत्यांगना पर जमकर पैसे लुटाए गए। यह कुछ विशेष लोगों की संस्कृति हो सकती है, लेकिन हमारे लिए यह विकृत परंपरा का परिचायक है। यह टिप्पणी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में की है। 
उल्लेखनीय है कि दशहरा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वडाला बस डिपो में मराठी अभिनेत्री माधवी जुबेकर ने नृत्य की प्रस्तुति दी थी। इस दौरान दर्शकों ने उन पर जमकर रुपये लुटाए थे। अभिनेत्री जुबेकर स्वयं बेस्ट की कर्मचारी हैं। उस दौरान अभिनेत्री पर लुटाए गए रुपयों का वीडियो वायरल होने के बाद बेस्ट प्रशासन ने जुबेकर समेत 12 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।

उद्धव ने संपादकीय में आगे लिखा है कि हमारे कानून इतने लंबे हैं कि वह कब, कहां व कैसे लागू होगा, कहा नहीं जा सकता है। बेस्ट कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिल पाता है। इसके लिए हमें मध्यस्था करनी पड़ती है। जबकि कार्यक्रम के दौरान नृत्यांगना के पर जमकर रुपये लुटाए जाते हैं, यह कहां की संस्कृति है। यह संस्कृति हमारे यहां विकृति के रूप में जानी जाती है। बेस्ट की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है। यह मंजूर है, पर बेस्ट कर्मचारियों व कंडक्टरों की मंडली ने जिस पैसे को जमा करके नृत्यांगना पर लुटाया, वहीं पैसा बेस्ट की तिजोरी में जाता तो उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती। 

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