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नोटबंदी से हुई उत्तर बंगाल की जूट मिल बंद.

मालदा, 30 जनवरी =  नोटबंदी का असर उद्योग जगत पर पड़ते हुए दिख रहा है। रेशम उद्योग, मधुमक्खी पालन उद्योग के बाद अब जूट मिलों पर इसका असर दिखने लगा है। कूचबिहार व गाजोल में एक-एक जूट मिल बंद हो गए हैं। गाजोल जूट मिल के बंद होने से लगभग 500 श्रमिक अपना रोजगार खो चुके हैं। हालांकि गाजोल तृणमूल श्रमिक संगठन इसे फिर से खोले जाने को लेकर सक्रिय हो गया है। गाजोल जूट मिल को खोलने को लेकर श्रम विभाग की ओर से आठ फरवरी को एक बैठक बुलाई गई है। जूट मिल प्रबंधन के साथ बातचीत करने के साथ ही जिला व ब्लॉक प्रशासन को श्रमिक संगठनों की ओर से पत्र लिखकर इसे अविलंब खोलने की मांग की गई है। जिला श्रम विभाग की ओर इस तरह की समस्याओं को स्वीकार किया गया है।

श्रम विभाग की ओर से कहा गया है कि गाजोल जूट मिल के बंद होने की जानकारी मिली है। आठ फरवरी की बैठक में जूट मिल को खोलने को लेकर हर पहलुओं पर विचार किया जाएगा। मालदा जिला के गाजोल ब्लॉक के शाहाजादपुर ग्राम पंचायत के खेजूरतला में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे कालियागंज एग्रो प्राइवेट लिमिटेड नामक जूट मिल है। इसमें पाट से सुतली, चट तैयार करने का काम होता है। सात जनवरी को ही मिल में संस्पेंशन ऑफ वर्क की नोटिस लगा दी गई थी।

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जूट मिल में काम करनेवाले श्रमिक रहिम अंसारी, विनय मंडल, प्रताप साहा, दिलवार शेख का कहना है कि नोटबंदी के बाद से श्रमिकों के वेतन को लेकर समस्या होने लगी थी। मिल प्रबंधन का कहना है कि नोटबंदी के कारण जूट उत्पाद के निर्यात में कमी आई है। उन्हें व्यवसाय में नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके बाद अचानक से सात जनवरी को जूट मिल को बंद कर दिया गया। स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता इसे खुलाने के लिए सचेष्ट हुए हैं। जिला प्रशासन व जूट मिल मालिक से बातचीत की जा रही है।

जूट मिल के मैनेजर रामशयन दास ने कहा कि नोटबंदी के बाद श्रमिकों के वेतन को लेकर समस्या हो रही थी। वहीं नवंबर महीने से उत्पादित सामग्री की मांग बाजार में कम हो गई है। नुकसान उठाकर मिल को चलाना संभव नहीं है। कुछ श्रमिक समस्या उत्पन्न करने के साथ ही मालिक से गलत आचरण करने लगे थे। गाजोल तृणमूल कांग्रेस ब्लॉक सह सभापति व श्रमिक संगठन नेता अरविंद घोष ने कहा कि जूट मिल बंद होने से 500 श्रमिक अपनी नौकरी गवां चुके हैं। मालिक व श्रमिकों में से किसी का भी इसमें कोई दोष नहीं है। हम चाहते हैं कि प्रशासन जूट मिल को खुलवाने का प्रयास करे। इस बारे में श्रम विभाग, मिल मालिक व थाना को पत्र लिखा गया है। वहीं, गाजोल के बीडीओ विष्णुपद चक्रवर्ती ने कहा कि जूट मिल बंद होने के बारे में जानकारी मिली है। इसके बंद होने को लेकर मूल कारणों का पता लगाया जा रहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद इसे उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा।

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