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पर्यटन से बदलेगी उ.प्र. के विकास की तस्वीर

लखनऊ, 21 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास की असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व की अनेक धरोहर मौजूद हैं। इसलिए राज्य सरकार ने पर्यटन विकास के जरिए की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ बनाने का निर्णय है। इसके लिए पर्यटन स्थलां को संवारने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास पर भी जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार ऐतिहासिक और प्रमुख धार्मिक स्थलों दोनों के ही विकास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन क्षेत्रों को जिस तरह से करोड़ों रूपये की विकास योजनाओं की सौगात दी है, उससे आने वाले दिनों में यहां सुविधाओं में बेहद इजाफा होने की उम्मीद जतायी जा रही है, वहीं देशी-विदेशी पर्यटक की संख्या में भी इजाफा होगा। 

पर्यटन को लेकर बजट में पर्याप्त व्यवस्था

प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा में रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट एवं कृष्ण सर्किट की योजनाओं के लिए 1240 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इसके अलावा ‘प्रासाद योजना’ के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा शहरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 800 करोड़ रुपये जुटाये गये हैं। वहीं वाराणसी में 200 करोड़ रूपये की लागत से सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना की जायेगी। इसके साथ ही प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा के संचालन के लिए 25 करोड़ रूपये, गोरखपुर स्थित रामगढ़ ताल में वॉटर स्पोर्ट्स के विकास के लिए 25 करोड़ रुपये, विन्ध्याचल के पर्यटन विकास के लिए 10 करोड़ रुपये, मथुरा में नगला-चन्द्रभान के ग्रामीण पर्यटन विकास के लिए 05 करोड़ रुपये तथा रामायण कॉन्क्लेव के आयोजन के लिए 03 करोड़ रुपये, गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। 

रामनगरी अयोध्या को गौरव वापस दिलाने की पहल

प्रदेश सरकार की पहल पर जहां भगवान राम की नगरी अयोध्या में दीपावली पर्व बेहद भव्य तरीके से मनाया गया वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 133 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास किया गया। इसमें ऐतिहासिक गुप्तार घाट और वहां निर्मित विशाल सीता-राम मंदिर का जीर्णोद्धार पर सरकार 37 करोड़ रूपये से ज्यादा की रकम खर्च करेगी। ताकि उसे पुराने आर्किटेक्चर पर ही नए सिरे से बनाया जा सके। निर्माण के दौरान पर्यटकों की सुविधाओं को भी ख्याल रखा जाएगा। इसके साथ ही सरयू नदी पर राम की पैड़ी को करीब 12.5 करोड़ खर्च कर नए सिरे से बनाया जाएगा। यहां लाइटें लगाई जाएगी ताकि यह पूरा क्षेत्र जगमग रहे। सरयू नदी के तट पर बने लक्ष्मण घाट का सौंदर्यीकरण करते हुए उसे नए सिरे से निर्मित किया जाएगा। इस कार्य पर तकरीबन 11 करोड़ रुपये की रकम खर्च की जाएगी। इसके अलावा भगवान राम के निवास स्थान कनक भवन और राजा दशरथ के निवास स्थान दशरथ महल का भी जीर्णोद्धार करीब 11.5 करोड़ रुपये की रकम खर्च की जाएगी। 

विकास कार्यों से बदलेगी अयोध्या की सूरत

इसके अलावा अन्य विकास कार्यों के तहत दिगम्बर अखाड़ा परिसर में बहुउद्देश्यीय प्रेक्षागृह का निर्माण, राम की पैड़ी, पर्यटकों के ठहरने के स्थल, सुरक्षा की दृष्टि से प्रमुख जगहों को सीसीटीवी से लैस करना, पुलिस बूथों की बढ़ोत्तरी, जगहों के दर्शन के लिए इको फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी जाएगी। नागरिक सुविधायें जैसे शौचालय, जल निकासी की उचित व्यवस्था की जाएगी। प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी के मुताबिक प्रदेश सरकार अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र में लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयासरत है। अयोध्या में पयर्टन को बढ़ावा देने के लिए त्रेतायुग की थीम पर ‘नव्य अयोध्या’ प्रोजेक्ट तैयार कर केंद्र से 195.89 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। डीपीआर को स्वीकृत करते हुए पर्यटन मंत्रालय ने 133.70 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत अयोध्या में भगवान राम की 100 मीटर से ज्यादा ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। 

ब्रज क्षेत्र के विकास से पर्यटन को मिलेगी गति

इसी तरह प्रदेश सरकार ने ब्रज क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ब्रजवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए यहां पर विकास कराने के लिए ब्रजतीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है, जिसे अमलीजामा पहनाते हुए प्रदेश सरकार एक-एक करके आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा है कि मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, बरसाना, नन्दगांव, गोकुल, बलदेव सहित महावन क्षेत्रों को विकसित किया जायेगा। उन्हांने कहा है कि हमें सम्पूर्ण ब्रज क्षेत्र के विकास के बारे में सोचना होगा, ब्रजतीर्थ विकास परिषद के लिए भारत सरकार पर्याप्त मात्रा में धनराशि देने जा रही है। प्रदेश सरकार भी इसे पर्यटन के दृष्टिगत विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं सृजित होंगी, जिससे नौजावानों के पलायन को भी रोका जा सकेगा। उन्होंने हाल ही में यहां पण्डित दीनदयाल धाम पर्यटन विकास योजना का शिलान्यास भी किया। 

विश्व पर्यटन के मानचित्र पर कुशीनगर को मिलेगी नई पहचान

पर्यटन विकास को गति प्रदान करने के लिए एक और कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कुशीनगर स्थित बौद्ध पर्यटन विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण मैत्रेय परियोजना शिलान्यास स्थल पर किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 23 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं का शिलान्यास, प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत तीन सड़कों तथा कप्तानगंज तहसील व कसया तहसील में निर्मित आवासीय भवनों का लोकार्पण भी किया। कुशीनगर में बौद्ध पर्यटन स्थल को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी आते हैं। प्रदेश सरकार के यह प्रयास आने वाले दिनों में उनकी संख्या में इजाफा करने में सहायक साबित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश के छह क्षेत्रों में पर्यटन स्थल भगवान बुद्ध से जुड़े हैं। इसके साथ ही उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं की समस्याओं के समाधान के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि ‘अतिथि देवों भवः’ की परम्परा का पालन करते हुए, पर्यटन की दृष्टि से जो भी अतिथि आते हैं, उनका सत्कार किया जाय। उन्होंने कुशीनगर में पर्यटकों के लिए टूरिस्ट पुलिस का गठन करने के भी निर्देश दिये हैं। कुशीनगर में माथा कुंवर स्टोक पर सीसीटीवी कैमरा, पेयजल, पार्किंग पर सीसीटीवी कैमरा व लाइट एण्ड साउण्डस महापरियोजना पर सोलर लाइट, सीसीटीवी कैमरा, वाटर कूलर, रामाभार स्टूक पर सोलर लाइट्स व सीसीटीवी कैमरा व पेयजल की व्यवस्था की जायेगी। 
ताजनगरी आगरा में विकास कार्यों को लगेंगे पंख

इसी तरह पर्यटन को लेकर विश्वप्रसिद्ध नगरी आगरा की बात करें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अक्टूबर को यहां का दौरा करके पर्यटन की परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे। उन्होंने जनपद के विकास को लेकर कहा है कि हमारी सरकार ने आगरा के लिये 370 करोड़ रुपये की कार्ययोजना बनाई है। प्रदेश सरकार विश्व विख्यात ताज महल तथा उससे जुड़े पर्यटक स्थलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। ताजमहल तथा आगरा का विकास भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। आगरा में अवस्थापना सुधार तथा ताजमहल एवं उसके आसपास के क्षेत्र के विकास के लिए लगभग 156 करोड़ रुपए की योजनाएं स्वीकृत की गईं हैं। इन परियोजनाओं पर अगले तीन महीनों में कार्य शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही आगरा को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार आगरा में मेट्रो रेल के संचालन के लिए प्रभावी कार्रवाई भी कर रही है। इन सभी प्रयासों से आगरा को पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी।
वर्ष 2018 के सरकारी कैलेण्डर में पर्यटन को तरजीह

उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने एक हैरिटेज कैलेण्डर 2018 जारी किया है। इसमें 12 महीनों के सभी पृष्ठों में प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों की तस्वीर प्रकाशित की गई है। यह कैलण्डर पर्यटन के प्रचार-प्रसार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें झांसी का ऐतिहासिक किला, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम, मथुरा में जन्मस्थन, गोरखपुर में गोरक्षमन्दिर, पीलीभीत में गुरूद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब, अयोध्या में राम की पैड़ी, मथुरा में बरसाने की होली, ललितपुर के देवगढ़ में जैनमन्दिर, विन्ध्याचल त्रिकोण दर्शन के तहत मिर्जापुर अष्टभुजा देवी, विन्ध्यवासिनी देवी और काली देवी (काली खोह), वाराणसी में काशी विश्वनाथ मन्दिर, सारनाथ स्तूप और आगरा का ताजमहल की तस्वीरें हैं। 

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