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पश्चिम बंगाल में हिंसा का दुष्प्रचार , शिवसेना का भाजपा पर आरोप, बोली, कानून व्यवस्था बनाए रखने की राज्य एवं केंद्र की समान जिम्मेदारी

मुंबई. विधानसभा चुनाव परिमाण आने के बाद से पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर शुरु है. गत दिवस केंद्रीय मंत्री पर भीहमला हुआ था.भाजपा हिंसा के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रही है.भाजपा की तरफ से गत दिनों पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया गया. लेकिन शिवसेना ने भाजपा पर पश्चिम बंगाल में हिंसा का दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया गया है.शिवसेना ने दिल्ली सहित अन्य राज्यों का जिक्र करते हुए कहा है कि चुनाव परिणाम के बाद हिंसा की वारदातें देखने को मिलती रही हैं.

पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनाओं को लेकर शिवसेना की तरफ से कहा गया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र सरकार दोनों पर समान रूप से है. पार्टी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में वास्तव में क्या हो रहा है और इसके पीछे किसके अदृश्य हाथ हैं? ये चीजें स्पष्ट होनी चाहिए. जबसे राज्य में भाजपा हारी है हिंसा की खबरें आ रही हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के कार्यकर्ताओं से मारपीट की. लेकिन यह सब दुष्प्रचार है. पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा में मारे गए 17 लोगों में से 9 लोग भाजपा से जुड़े थे, बाकी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता थे. इसका मतलब है कि दोनों पक्ष इसमें संलिप्त है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से बात कर हालात की जानकारी ली है. भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने भी उच्च न्यायालय का रुख करते हुए हिंसा के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. शिवसेना ने कहा है कि इससे साफ दिखता है कि भाजपा षड्यंत्र कर रही है.

शिवसेना की तरफ से कहा गया है कि देश में कोरोना वायरस से लोगों की जान जा रही है. लेकिन, यहां दंगों की राजनीति हो रही है और देश को बदनाम किया जा रहा है. हैरानी इस बात की है वे लोग इस बात को भूल गए हैं कि पश्चिम बंगाल में शांति कायम रखने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल रखने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी के साथ केंद्र सरकार की भी है.

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