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पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्वाइन फ्लू से एक की मौत, चार और मरीज पॉजिटिव

वाराणसी,18 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी स्वाइन फ्लू ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटे में शहर में जहां एक मरीज की मौत हो गयी वहीं पीड़ित छह मरीजों का नमूना जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। इनमें चार में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। पीड़ितों में इलाहाबाद, भेलूपुर, महमूरगंज और बड़ागांव के मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इलाके में मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

शुक्रवार को सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि जिले के अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि संभावित मरीजों की सूचना तत्काल उनके आफिस को दें ताकि रोग की पुष्टि शीघ्र करायी जा सके। सीएमओ कार्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार शहर में जिस मरीज की मृत्यु हुई है, वह इलाहाबाद के धूमनगंज थाना क्षेत्र के महेन्द्र नगर का निवासी था और शहर में रिश्तेदारी में आया हुआ था। उसकी मौत यहां एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई। स्वाइन फ्लू से पीड़ित तीन मरीज शहर के दो अस्पताल में भर्ती हैं। 

सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि रोग से बचाव के लिए रैपिड एक्शन टीम लगायी गयी है। सूत्र बताते हैं कि अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को बचाव का टीका लगा दिया गया है। मरीज के साथ उनके परिजनों को भी टैमी फ्लू की दवा दी जा रही है। जिले में स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए पांच सरकारी और पांच निजी अस्पतालों को शामिल किया गया है। इसमें मंडलीय, महिला अस्पताल, जिला, भेलूपुर, लालबहादुर शास्त्री रामनगर और निजी में गैलेक्सी, पॉपुलर, त्रिमूर्ति, एपेक्स व सिंह मेडिकल एवं रिसर्च सेंटर शामिल हैं। इसमें ऐसे निजी अस्पताल शामिल किये गये हैं जहां वेंटीलेटर की सुविधा हो। इस क्रम में सरकारी अस्पतालों में 10 बेड के आइसोलेटेड वार्ड बनाने के खास निर्देश दिये गये हैं। 

जानकार बताते हैं कि शहर में स्वाइन फ्लू की जांच के लिए सुविधा बीएचयू में भी नहीं है। इसके चलते सैम्पल जांच के लिए लखनऊ भेजा जाता है। रिपोर्ट आने में विलम्ब भी रोगियों के मौत का बड़ा कारण बन सकती है। नमूना लेने और लखनऊ भेजने में एक दिन और जांच रिपोर्ट आने में लगभग एक से दो दिन का समय लग जाता है। बताया गया कि स्वाइन फ्लू के लक्षणों में बुखार, गले में खरास, जुकाम,खांसी, सिर दर्द, बदन दर्द, जोड़ों में ऐंठन, उल्टी, बेहोशी और ठंड लगना है। बचाव के लिए भीड़ वाली जगह से दूर रहने, खांसते-छींकते वक्त मुंह पर रूमाल रखनें, मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखने, हाथ को अच्छी तरह साबुन से धोने की हिदायत दी गयी हैं।

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