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फतेहपुर में बनेंगे अन्ना (आवारा) जानवरों के लिए छह पशु आश्रय स्थल

फतेहपुर, 06 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश सरकार फतेहपुर जनपद में छह अन्ना पशु आश्रय स्थल बनाएगी। रारा गांव में अन्ना पशु आश्रय विकसित करने के लिए तेरह लाख रुपये स्वीकृत कर दिए गए हैं।

जानवरों की अन्ना प्रथा को रोकने व दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने हर जिले में अन्ना पशु प्रथा स्थल बनाए जाने का निर्णय लिया है। सरकार की मंशा पर अमलीजामा पहनाने के लिए वित्तीय वर्ष में जिले की तीन तहसीलों सदर,खागा,व बिंदकी में छह अन्ना पशु प्रथा स्थल बनाए जाने हैं। पहला आश्रय रारा गांव में बनाया जा रहा है, जहां दो सौ पशु रखे जाएंगे। जिला प्रशासन ने पशुचर की 60 बीघा जमीन भी कब्जेदारों से मुक्त करा ली है। इस आश्रय में शहर के उन पशुओं को भी रखा जा सकेगा, जो आवारा घूमते है। 

जिला प्रशासन ने बताया कि किसानों की फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए गांव के अन्ना पशुओं को भी आश्रय में भेजा जाएगा। पशु आश्रय स्थल में एक तालाब विकसित किया जाएगा जिससे यहां रहने वाले पशु पानी पी सके। 

जिले में पहले अन्ना पशुओं की संख्या 37 हजार आंकी गई थी। अब यमुना के उस पार बांदा जनपद की सीमा जुड़ी होने से काफी पशु चारे की तलाश में विचरण करते हुए यहां आ गए जो फसलों को बर्बाद करने में लगे हैं। प्रशासन ने रारा गांव में विकसित करने के लिए करीब तेरह लाख रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। इसके निर्माण में एक लाख 39 हजार रुपये मनरेगा से व 11 लाख 50 हजार रुपये शासन से प्राप्त बजट से खर्च करने के प्रस्ताव को पास करते हुए इसको तैयार करने की जिम्मेदारी पशु मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपी गई है। शहर से करीब तीन किमी. की दूरी पर जोनिहां रोड में रारा गांव स्थित है, सड़क किनारे साठ बीघे जमीन चरागाह है। पशु स्थल में एकत्र होने वाले गोबर व

मूत्र का व्यवसायिक उपयोग भी किया जाएगा। 

डीएम कुमार प्रशांत ने बताया कि सदर तहसील के रारा गांव के पशुचर को अन्ना जानवरों के आश्रय स्थल के लिए चयनित किया गया है। करीब तेरह लाख रुपये के प्रस्ताव को स्वीकृत दे दी गई है जिसमें तारयुक्त बाउंड्री, नलकूप, टीनशेड, पूरे मैदान के अधिकांश भाग में चारा उगाने के लिए खर्च किए जाएंगे। 

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