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बच्चे का व्यवहार ठीक करने करें ये उपाय

अगर आप अपने बच्चे के व्यहार को लेकर के परेशान हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है। बच्चों को डांटना और मरना विकल्प नहीं है। बच्चे जैसे – जैसे उम्र और कद काठी में बड़े होते हैं, उनके व्यहार में अनेक तरह के परिवेर्तन आते हैं। इनमें कुछ अच्छे तो कुछ बुरे हो सकते हैं लेकिन आप अपनी सूझ बूझ के से अपने बच्चे में अच्छा व्यहार को विकसित कर सकती हैं।

हर मां बाप अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर परवरिश देना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि उनके बच्चों में वह सभी सुसंस्कार हो जो उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने में मदद करें पर कई बार ऐसा नहीं हो पाता।

ऐसे में मां-बाप की सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि वह अपने बच्चों में अच्छे गुणों का विकास किस तरह करें।
आमतौर पर देखा जाता है कि जब बच्चा स्कूल जाने से कतराता है, और पढ़ाई नहीं करता तो अधिकांश मां-बाप अपने बच्चों पर गुस्सा करते हैं।

कुछ मां-बाप कहते हैं कि अगर तुम स्कूल नहीं जाओगे, और पढ़ाई नहीं करोगे तो मैं तुमसे बात नहीं करूंगी, वहीं कुछ मां-बाप ऐसे हैं जो अपने बच्चों पर हाथ तक उठा देते हैं लेकिन, क्या आपने कभी सोचा, कि आपके इस तरह के व्यवहार से आपके बच्चे को क्या सीख मिलती है। आपका बच्चा आप से बहुत कुछ सीखता है।

बच्चे के व्यहार को बदलने के लिए खुद के व्यहार को बदलें जिस तरह का व्यवहार आप अपने बच्चे के सामने प्रदर्शित करते हैं, उसी तरह के व्यवहार का विकास आपके बच्चों में होता है।

इसीलिए जब आपका बच्चा आपकी बात ना माने, पढ़ाई ना करें, तो आपको किस तरह से समझाना है यह जानने की आवश्यकता है।
मां बाप को क्या करना चाहिए अगर आप अपने बच्चे की किसी विशेष व्यवहार की वजह से परेशान हैं तो उसे डांटने यह समझाने से पहले उसके इस विशेष व्यवहार की वजह जानने की कोशिश करें।

कई बार बच्चे किसी कारणवश इस तरह व्यवहार करते हैं जो आपको गुस्से में डाल सकता है। अगर आपके बच्चे का आईक्यू लेवल कम है या टीचर आपके बच्चे को पसंद नहीं करती है तो आपका बच्चा हो सकता है पढ़ाई करने से कतराए या फिर स्कूल ना जाना चाहे। इसके अलावा और भी कई कारण हो सकते।

अगर आपका बच्चा पलटकर आपको जवाब देता है तो अक्सर मां बाप बुरी तरह रिएक्ट करते हैं।
कई बार तो बच्चे को उल्टा सीधा बोलते हैं या फिर बच्चे पर चिल्लाते हैं। कई बार तो इसकी वजह से बच्चों को मार तक पड़ती है। आप बच्चे के साथ ऐसा व्यवहार करने से बचें और संयम से काम लें।

यदि आपका बच्चा इस तरह व्यहार कर रहा है तो आप उसे कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दें। जब आप खुद भी पूरी तरह से शांत हो जाएं तब आप उससे बातें करें। इससे आपके बच्चे को एक बात पता चलेगी कि उसके चीखने और चिल्लाने का आपके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
धीरे धीरे समय के साथ आपका बच्चा पूरी तरह चलाना बंद कर देगा क्योंकि वह जान जाएगा कि उसके चिल्लाने का किसी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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