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बेंगलुरु में दिखी विपक्षी एकता ने उपचुनावों में ‘मुरझा दिया’ कमल

नई दिल्ली (ईएमएस)। 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले चार लोकसभा और 10 विधानसभा की सीटों पर हुए उपचुनावों में एकजुट विपक्ष ने बीजेपी को चित कर अपना दम दिखाया है। गुरुवार को देश के कई राज्यों से आए नतीजों ने स्पष्ट संकेत दिया कि जनता ‘न्यू इंडिया’ नहीं, सर्वधर्म समभाव वाला भारत चाहती है। बीजेपी को उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण कैराना क्षेत्र और महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा। पार्टी को महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट पर जीत मिली। दस राज्यों में 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में पार्टी को सिर्फ एक सीट पर ही जीत नसीब हुई। 24 मई को चार लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में से नगालैंड लोकसभा सीट पर भाजपा की सहयोगी सत्तारूढ़ नगालैंड डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) को जीत मिली है। एनडीपीपी के उम्मीदवार ने नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के उम्मीदवार को हराया।

बीजेपी को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर लगा है, जहां विपक्ष की साझा उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने पूर्व बीजेपी सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को भारी मतों के अंतर से हराया। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए उपचुनावों में भाजपा गोरखपुर, फूलपुर के बाद कैराना लोकसभा सीट भी गंवा बैठी। बीजेपी ने 2014 आम चुनावों में यूपी की 80 में से 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी और पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में 423 सीटों में से 312 पर जीत दर्ज की थी।

चौथे साल में तीन सीटें भाजपा के हाथ से निकल गईं। उपचुनाव के नतीजों से आठ दिन पहले बेंगलुरु में सभी नेता एकजुट दिखें और विपक्षी नेताओं की तस्‍वीर चर्चा में आई थी। ये सभी नेता कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्‍वामी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए एक मंच पर साथ दिखे थे। इस दौरान सभी नेता एक दूसरे के हाथ में हाथ डालकर फोटो खिंचवाई थी और इसके बाद उपचुनाव के नतीजों ने सभी नेताओं का कद बढ़ा दिया है।

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